LHC0088 Publish time 2025-12-13 15:37:19

नीतीश का बड़ा दांव: सत्ता संभालते ही बिहार में अफसरशाही का ‘रीसेट’

/file/upload/2025/12/4348281585307594446.webp

आईएएस अफसरों के धड़ाधड़ तबादला



राधा कृष्ण, पटना। बिहार में सत्ता की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशासनिक तंत्र में बड़ा झटका दिया है। सरकार बनने के कुछ ही दिनों के भीतर आईएएस अफसरों के धड़ाधड़ तबादलों ने यह साफ कर दिया है कि अब शासन पुराने ढर्रे पर नहीं चलने वाला। शुक्रवार को 35 आईएएस अधिकारियों के एक साथ तबादले के बाद अब तक कुल 51 अफसरों की ट्रांसफर–पोस्टिंग हो चुकी है। इससे पहले 8 दिसंबर को भी बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह सिर्फ अफसरों की कुर्सी बदलने की कवायद नहीं है, बल्कि सत्ता के पावर सेंटर में किए गए सुनियोजित बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

सरकार ने संकेत दे दिया है कि परफॉर्मेंस, भरोसा और डिलीवरी ही अब प्रशासन की कसौटी होगी। जिन अधिकारियों पर सरकार को भरोसा है, उन्हें अहम विभाग और संवेदनशील जिले सौंपे गए हैं, जबकि कई वरिष्ठ अफसरों की जिम्मेदारियां बदली गई हैं।
प्राथमिकताओं का नया नक्शा

तबादलों की सूची पर नजर डालें तो सरकार की प्राथमिकताएं साफ झलकती हैं। सामाजिक न्याय के एजेंडे को मजबूत करने के लिए के. सेंथिल कुमार को अनुसूचित जाति–जनजाति कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं डिजिटल गवर्नेंस और तकनीकी सुधारों को रफ्तार देने के उद्देश्य से अभय कुमार सिंह को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का सचिव बनाया गया है।

उन्हें बेल्ट्रॉन और पटना मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी भी दी गई है। यह कदम ई-गवर्नेंस, स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

खनन और ग्रामीण विकास जैसे संवेदनशील और राजस्व से जुड़े क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव हुआ है। दिवेश सेहरा को खान एवं भू–तत्व विभाग का सचिव बनाते हुए बिहार राज्य खनिज निगम और खनिज विकास निगम की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

वहीं मयंक वरवड़े को योजना एवं विकास विभाग में भेजकर सरकार ने विकास योजनाओं की निगरानी को और सख्त करने का संकेत दिया है।
शहर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

नगर विकास और बुनियादी ढांचे को लेकर सरकार का फोकस संदीप कुमार आर. पुडकलकुट्टी की तैनाती से भी साफ होता है। उन्हें नगर विकास सचिव के साथ पटना मेट्रो का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इससे शहरी परियोजनाओं और मेट्रो निर्माण को गति मिलने की उम्मीद की जा रही है।
जिलों में भी नई टीम

सिर्फ सचिवालय ही नहीं, जिलों के स्तर पर भी बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया गया है। सीमावर्ती और कानून-व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील जिलों में युवा और अनुभवी अफसरों को भेजा गया है।

डॉ. विद्यानंद सिंह, सुहर्ष भगत, अमन समीर, तुषार सिंगला, प्रियंका रानी और निहारिका छवि जैसे चर्चित प्रशासनिक चेहरों की तैनाती से सरकार ने साफ कर दिया है कि जमीनी प्रशासन में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।

कुल मिलाकर, यह फेरबदल एक रूटीन प्रक्रिया नहीं, बल्कि नीतीश सरकार के इरादों का खुला एलान है। विकास, कानून व्यवस्था और सुशासन, तीनों मोर्चों पर सरकार ने अफसरशाही को नई दिशा देने की कोशिश की है।

अब असली परीक्षा इस बात की होगी कि यह ‘प्रशासनिक रीसेट’ कागजों से निकलकर जमीन पर कितना असर दिखाता है।
Pages: [1]
View full version: नीतीश का बड़ा दांव: सत्ता संभालते ही बिहार में अफसरशाही का ‘रीसेट’

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com