Jharkhand Chief Justice ने दुमका में राष्ट्रीय लोक अदालत का किया उद्घाटन, मानव तस्करी, बाल श्रम और डायन प्रथा को बताया बड़ी चुनौती
/file/upload/2025/12/1705621039004149028.webpदुमका में राष्ट्रीय लोक अदालत के दाैरान झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चाैहान (बीच में) और अन्य। (फोटो जागरण)
जागरण संवाददाता, दुमका। National Lok Adalat In Dumka: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और झालसा के मुख्य संरक्षक तरलोक सिंह चाैहान ने शनिवार को दुमका के भागलपुर रोड स्थित कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि संताल परगना क्षेत्र में मानव तस्करी एक गंभीर सामाजिक समस्या बनी हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि बाल श्रम को रोकना आज भी एक बड़ी चुनौती है। मुख्य न्यायाधीश ने डायन प्रथा को भी समाज के लिए अभिशाप बताते हुए इसके उन्मूलन के लिए जागरूकता और कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया।
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उन्होंने कहा कि लोक अदालत न्याय तक सरल, सुलभ और त्वरित पहुंच का सशक्त माध्यम है। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों, विधिक सेवा से जुड़े पदाधिकारियों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। सम्मानित अतिथियों में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायाधीश एवं एचसीएलएससी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आनंद सेन तथा न्यायाधीश एवं दुमका न्यायाधीशालय के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं। इस माैके पर 22575 लाभुकों के बीच तकरीबन 13 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
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