cy520520 Publish time 2025-12-14 00:08:57

Vaibhav Suryavanshi: वैभव का बल्ला जब गरजता, गढ़ जाता कीर्तिमान; क्‍या कहते हैं Cricket स‍िखाने और साथ खेलने वाले?

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क्र‍िकेटर वैभव सूर्यवंशी। जागरण आर्काइव



अक्षय पांडेय, पटना। Vaibhav Suryavanshi: हाथ में बल्ला और गेंद पर तेज प्रहार। मैदान में आता और 11 लोगों के खेल में 14 छक्के जड़ 14 वर्षीय खिलाड़ी छा जाता।

12 वर्ष की उम्र में रणजी खेलने वाले छोटे खिलाड़ी के साथ मैच के दौरान अगर कोई साझेदार है, तो वह बल्लेबाज नहीं, रिकाॅर्ड है। सबसे कम उम्र में टी-20, एकदिवसीय और IPL खेलने वाला बिहार के समस्तीपुर का वैभव सूर्यवंशी चंद मिनट भी पिच पर टिकता, तो कीर्तिमान गढ़ देता। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बिहार से होने पर गर्व करने वाले मासूम से दिखते खिलाड़ी के पास आकर सीमा पार जाती गेंद उन्हें देश-दुनिया में ख्याति दिला रही है।समस्तीपुर एवं पटना से होते हुए वैभव की प्रतिभा सबको चकित कर रही है।

बल्ले के दम पर वे 2025 में गूगल में सबसे अधिक खोजे गए। दुबई में शुक्रवार को उन्होंने अंडर-19 वनडे एशिया कप में 95 गेंद में 171 रन बनाए ही, एक पारी में सबसे अधिक छक्के (14) लगाने का कीर्तिमान बनाया।

बिहार के वैभव के दम पर अंडर-19 वनडे में भारत का सर्वाधिक स्कोर बना ही, एशिया कप के इतिहास में सर्वोच्च स्कोर तक भारतीय टीम पहुंची। दुबई में खेले गए मैच में प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उकसाने की कोशिश की गई तो, उनका जवाब था- मैं बिहार से हूं। मुझे फर्क नहीं पड़ता।
सरकारी नौकरी छोड़, क्रिकेट सिखाने लगे मनीष

पटना के संपतचक स्थित वैभव के प्रारंभिक कोच मनीष ओझा की अकादमी संचालित होती है। यहां मनीष छह अन्य प्रशिक्षकों के संग रेलवे की नौकरी छोड़ क्रिकेटर पैदा करने में जुटे हैं।

सड़क से 300 मीटर अंदर ऊबड़-खाबड़ मार्ग तय कर जेनएक्स अकादमी पहुंचना होता है। यहां आठ वर्ष से रणजी स्तर के क्रिकेटर पसीना बहाते दिखेंगे। जब छोटे बच्चे अभ्यास कर रहे होते हैं, तो उनके अभिभावक भी मैदान के एक कोने बैठे मिल जाएंगे।

खिलाड़ियों के माता पिता का कहना है कि वैभव ने उम्मीद दी है, हमारा बच्चा भी बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। खुद रणजी खेल चुके कोच मनीष कहते हैं कि शुरुआती दिनों से वैभव में किसी भी खिलाड़ी से ज्यादा अभ्यास करने की ललक थी।

जब वह 10 वर्ष का हुआ, तो उसकी प्रतिभा देख मैंने अपने मित्र महेंद्र सिंह धौनी व अन्य चयनकर्ताओं को उसकी बल्लेबाजी की वीडियो बनाकर भेजनी शुरू की।

मनीष कहते हैं कि वैभव भारतीय टी-20 टीम में शामिल होने की काबिलियत रखता है। अभी वैभव का प्रदर्शन देखें, तो उसका विकल्प कोई नहीं बन सकता। वह बड़ी पारी इस लिए खेल लेता है, क्योंकि दबाव में नहीं रहता। मनीष कहते हैं कि वैभव के छा जाने के बाद राजधानी में क्रिकेट में भविष्य देखने वालों की संख्या बढ़ी है।
क्‍या कहते हैं क्र‍िकेट खि‍लाड़ी


मैंने उसे छोटे से देखा है। वह बहुत अभ्यास करता था। उसे देखकर ऐसा लगता था कि जैसे वो अपना भविष्य जानता हो कि बड़ा खिलाड़ी बनना है।

प्रशांत कुमार सिंह, रणजी खिलाड़ी

मैं और वैभव मित्र हैं। काफी दिन मैं उनके साथ खेला। बल्ला हाथ में आते ही उसका दिमाग बहुत तेज चलता है। इसी कारण वह बड़ा खिलाड़ी है।

आदित्य राज, क्रिकेटर

वैभव के अंदर रनों की भूख अन्य किसी भी क्रिकेटर से अधिक है। आज भी उसे अभ्यास करते देखें, तो लगेगा कि इतना प्रचलित होने वाले के पास ऐसी ललक होती है क्या।
अंकित सिंह


मैं बिहार के लिए अंडर-19 और 23 खेल चुकी हूं। मैंने उसके साथ खूब अभ्यास किया है। वैभव मेहनत करने से कभी पीछे नहीं भागता। शाॅर्टकट नहीं अपनाता।
नूतन सिंह

मैंने नेट पर कई बड़े-बड़े खिलाड़ियों को अभ्यास कराया है। वैभव ने मेरी गेंदें भी खूब खेली हैं। शुरू से ही अभ्यास हो या मैच, वे बड़े-बड़े शाट लगाने को ही प्राथमिकता देते हैं।
प्रियांशु यादव
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