cy520520 Publish time 2025-12-14 04:36:59

SGPGI Lucknow: एक साल में तीन नए विभाग शुरू, अब एमआरआइ-सीटी स्कैन की वेटिंग होगी खत्म

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एसजीपीजीआइ का 42वां स्थापना दिवस



जागरण संवाददाता, लखनऊ: एसजीपीजीआइ का 42वां स्थापना दिवस रविवार को मनाया जाएगा। स्थापना दिवस समारोह में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।

पिछले एक वर्ष में संस्थान में कई सुविधाएं बढ़ीं। खासकर तीन नए विभाग हेड एंड नेक सर्जरी, संक्रामक रोग डिजीज एवं पीडियाट्रिक नेफ्रोलाजी विभाग की शुरुआत हुई, जिसके बाद अब रोगियों को दिल्ली-मुंबई नहीं जाना पड़ेगा।

प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर रेडियोडायग्नोसिस विभाग में तीन एमआरआइ एवं सीटी स्कैन मशीन लगाई गई, जिससे गंभीर मरीजों की प्रतीक्षा सूची खत्म करने में मदद मिलेगी। नए साल से जांच शुरू होगी। संस्थान में इस साल 59 पदों पर स्थायी डाक्टरों की भर्ती हुई और 221 नियमित पदों पर विज्ञापन जारी किया गया है, जिसका साक्षात्कार जनवरी पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि तीन नए विभागों के शुरू होने से मरीजों को कई स्तर पर लाभ मिलेगा। हेड एंड नेक सर्जरी विभाग के माध्यम से मुंह, गला, नाक, कान और गर्दन से संबंधित जटिल बीमारियों, विशेषकर कैंसर के मामलों में विशेषज्ञ उपचार एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगा।

रोगियों को इलाज के लिए दूसरे बड़े शहरों में रेफर करने की जरूरत कम होगी। इंफेक्शियस डिजीज विभाग के संचालन से गंभीर संक्रमण, अज्ञात बुखार, एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस जैसी जटिल स्वास्थ्य समस्याओं का वैज्ञानिक, समन्वित और विशेषज्ञ इलाज संभव हो सकेगा। यह विभाग मरीजों के उपचार के साथ-साथ संक्रमण नियंत्रण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

संस्थान में एडवांस डायबीटिक सेंटर की शुरुआत भी इसी साल की गई, जहां मधुमेह के मरीजों को सभी तरह इलाज मुहैया कराए जा रहे हैं। अनियंत्रित शुगर के चलते किडनी, आंख, नसों और पैरों से जुड़ी बीमारियों का एक भवन में उपचार हो रहा है।
तीन एमआरआइ और सीटी स्कैन मशीन स्थापित

प्रो. धीमान के अनुसार, पीपीपी माडल के तहत तीन एमआरआइ और सीटी स्कैन की अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इससे मरीजों को लंबी प्रतीक्षा सूची से राहत मिलेगी और जांच समय पर उपलब्ध हो सकेगी। आधुनिक इमेजिंग सुविधाओं के शुरू होने से बीमारी की सटीक और त्वरित पहचान संभव होगी, जिससे इलाज की गुणवत्ता और प्रभावशीलता दोनों में सुधार आएगा। संस्थान में कुल 1700 बेड पर मरीजों की भर्ती होती है। हर दिन 3000-35000 रोगियों की ओपीडी होती है। इमरजेंसी में भी रोजाना 300-350 मरीज आते हैं।
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