LHC0088 Publish time 2025-12-14 23:07:29

गोरखपुर की इंदु सिंह ने 50 प्रतिशत सरकारी अनुदान से स्थापित की 25 साहीवाल गायों की डेयरी, प्रतिदिन हो रही 20,000 की आमदानी

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समृद्धि की राह दिखा रही योगी सरकार की नंदिनी कृषक समृद्धि योजना



डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में गोसंवर्धन और कृषक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी \“नंदिनी कृषक समृद्धि योजना\“ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति ला रही है। यह योजना पशुपालकों को न केवल आर्थिक संबल दे रही है, बल्कि उन्हें गोसेवा और आत्मनिर्भरता की राह भी दिखा रही है। इसी कड़ी में, गोरखपुर के पिपराइच ब्लॉक स्थित बहरामपुर की इंदु सिंह ने इस योजना का लाभ उठाकर सफलता की एक नई गाथा लिख दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सरकार से 50 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर इंदु सिंह ने साहीवाल नस्ल की 25 गायों की एक उन्नत डेयरी यूनिट स्थापित की है, जो अब प्रतिदिन 200 लीटर दूध का उत्पादन कर रही है और 100 प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। यह पहल उन्हें गोसंवर्धन के साथ-साथ समृद्धि की ओर ले जा रही है।
योजना और यूनिट का विवरण

यह अभिनव योजना \“नंद बाबा मिशन\“ का एक अभिन्न अंग है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में स्वदेशी उन्नत नस्ल के गोवंश को बढ़ावा देना है।

[*]योजना का लक्ष्य: नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत, सरकार 25 स्वदेशी उन्नत नस्ल (जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर, गंगातीरी) की गायें खरीदकर डेयरी यूनिट स्थापित करने पर परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देती है।
[*]इंदु सिंह की सफलता: प्रगतिशील पशुपालक इंदु सिंह को वित्तीय वर्ष 2023-24 में ई-लॉटरी के माध्यम से इस योजना का लाभार्थी चुना गया।
[*]परियोजना की लागत और सब्सिडी: इंदु सिंह ने 25 साहीवाल गायों के साथ डेयरी स्थापित की, जिसकी कुल परियोजना लागत 62.55 लाख आई। उन्हें इस पर सरकार द्वारा 31.25 लाख (50%) की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिसका आधा हिस्सा उन्हें मिल चुका है। सरकारी सहयोग से उनकी पूंजीगत लागत लगभग आधी हो गई है।

उत्पादन और आय का मॉडल

इंदु सिंह की डेयरी उच्च गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पादन का एक सफल मॉडल बन गई है:

[*]उत्पादन की क्षमता: उनकी साहीवाल नस्ल की डेयरी में प्रतिदिन करीब 200 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।
[*]आय का स्रोत: उन्नत नस्ल की गायों का दूध होने के कारण यह बाजार में प्रीमियम कीमत पर बिकता है, और उन्हें इसकी कीमत 100 प्रति लीटर मिल रही है। इस तरह, डेयरी की दैनिक आय लगभग 20,000 है।
[*]सामाजिक प्रभाव: इंदु सिंह को इस बात की भी खुशी है कि उनकी डेयरी यूनिट ने चार स्थानीय लोगों को सीधे तौर पर रोजगार दिया है, जो गोसेवा के सुख के साथ एक अतिरिक्त बोनस है।

भविष्य की योजनाएं और तकनीकी उन्नयन

इंदु सिंह की भविष्य की योजनाएं डेयरी व्यवसाय को एक एकीकृत मॉडल के रूप में विकसित करने पर केंद्रित हैं:

[*]दुग्ध प्रसंस्करण: वह जल्द ही अपनी यूनिट में उत्पादित दूध से पनीर, खोया और मक्खन जैसे दुग्ध प्रसंस्करण उत्पादों का निर्माण शुरू करेंगी, जिससे आय में और अधिक वृद्धि होगी।
[*]गोबर-गोमूत्र उत्पाद: वह गोबर और गोमूत्र आधारित उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण लेकर इस दिशा में भी कार्य करने की योजना बना रही हैं।
[*]मॉडल डेयरी: उनकी मंशा है कि उनकी डेयरी यूनिट अन्य पशुपालकों के लिए एक सफल मॉडल डेयरी बने।
[*]आधुनिक तकनीक का उपयोग: गोरखपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. धर्मेंद्र पांडेय के अनुसार, इस डेयरी में कृत्रिम गर्भाधान के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन (Sex Sorted Semen) का उपयोग किया जा रहा है। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि केवल बछिया ही पैदा हों, जिससे भविष्य में दुग्ध उत्पादन और आय की वृद्धि निश्चित है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इंदु सिंह का कहना है कि नंदिनी कृषक समृद्धि योजना वास्तव में पशुपालकों के लिए कृषक समृद्धि योजना साबित हो रही है।
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