SIR में ट्रांसपैरेंसी के लिए इलेक्शन कमिशन ने लिया अहम फैसला, बीएलओ लोगों को पढ़कर सुनाएंगे वोटर लिस्ट
/file/upload/2025/12/3593020941349776488.webpगणना प्रपत्र भरने की समय सीमा के आखिरी दिन में होंगी खुली बैठकें। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, मथुरा । भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की शुचिता और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक अहम फैसला लिया है। आयोग ने मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के अंतर्गत सभी मतदेयस्थलों (बूथों) पर पुनः खुली बैठकें आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह त्रुटिहीन बनाना और जनता का विश्वास कायम रखना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे पहले जिले में छह व सात दिसंबर को हर मतदान केंद्र पर खुली बैठकों का आयोजन किया गया था। अब एक बार फिर इन विशेष बैठकों का आयोजन प्रत्येक मतदान केंद्र पर किया जाएगा। यहां बीएलओ की अहम भूमिका होगी। बीएलओ स्थानीय संभ्रांत नागरिकों, ग्राम प्रधानों, पार्षदों और राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंटों या प्रतिनिधियों की उपस्थिति में वर्तमान मतदाता सूची को पढ़कर सुनाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से होगी़ ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या पक्षपात की आशंका को समाप्त किया जा सके। अक्सर मतदाता सूची में मृतकों या जगह बदल चुके लोगों के नाम शामिल रह जाते हैं, जिससे बोगस वोटिंग की आशंका बनी रहती है। इन खुली बैठकों के माध्यम से ऐसे नामों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाया जाएगा।
जिले में करीब चार लाख ऐसे मतदाता हैं, जो इस दायरे में आते हैं। इसके अलावा, जिन पात्र नागरिकों का नाम अब तक सूची में शामिल नहीं हो पाया है, उन्हें जोड़ने की प्रक्रिया भी मौके पर ही शुरू की जाएगी। साथ ही, नाम, उम्र या पते में हुई किसी भी तरह की त्रुटि को सुधारने के लिए भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। प्रशासन ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
सभी सुपरवाइजरों और बीएलओ को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे जनता से प्राप्त होने वाले सभी दावों और आपत्तियों को गंभीरता से लें। इन आवेदनों का निस्तारण एक निर्धारित समय सीमा के भीतर करना अनिवार्य होगा। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे इन बैठकों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और मतदाता सूची को दुरुस्त करने में प्रशासन का सहयोग करें। हालांकि जिला प्रशासन ने खुली बैठकों के लिए अभी कोई समय सीमा तय नहीं की है, लेकिन गणना प्रपत्र भरे जाने के आखिरी दो या तीन दिनों में खुली बैठकों का आयोजन किया जाना तय है।
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