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लखनऊ में बर्खास्त सिपाही आलोक और अमित खुद ही मंगवाते थे सीरप, 55 घंटे की रिमांड में हुए बड़े खुलासे

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बर्खास्त सिपाही आलोक और अमित खुद ही मंगवाते थे सीरप।



जागरण संवाददाता, लखनऊ। एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा की 55 घंटे की पुलिस रिमांड रविवार शाम साढ़े पांच बजे पूरी हो गई। पूछताछ के दौरान सामने आया कि नशे में इस्तेमाल होने वाली कोडिन युक्त सीरप की तस्करी के खेल में वे खुद ही शामिल थे। खुद ही माल मंगवाने के साथ ही सप्लाई करते थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पूछताछ के दौरान विकास सिंह नरवे का नाम सामने आया है। ऐसे में उसकी तलाश में दबिश और तेज कर दी गई है। उधर, रविवार शाम को दोनों को एसटीएफ ने जेल में दाखिल कर दिया।

नशे में इस्तेमाल होने वाली कोडिन युक्त सीरप की तस्करी में एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार किया गया था। तस्करी गिरोह के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अमित और आलोक की रिमांड एसटीएफ ने ली थी।

दोनों से पूरी टीम ने कई घंटे पूछताछ की, अलग-अलग और आमना-सामना तक करवाया गया। सूत्र बताते हैं कि दोनों को पूरे खेल के बारे में जानकारी थी। खेल में पहले से शामिल विकास सिंह नरवे ने शुभम से सभी को मिलवाया था।

तस्करी की जानकारी होने के बाद खुद ही पूरा धंधा करने लगे थे। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश, त्रिपुरा समेत अन्य मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भेजते थे। मुस्लिम समुदाय के लोग शराब का सेवन नहीं करते हैं, ऐसे में इसकी मदद से नशा करते थे।

जौनपुर, बनारस समेत अन्य छोटे गांव के लड़कों के नाम पर फर्म बनवा रखी थी, जिसके नाम पर माल मंगवाते थे। जांच में सामने आया कि जिस दुकान के नाम पर सीरप मंगाई गई थी, उस दुकान में उतनी खपत ही नहीं है।

पूछताछ में सामने आया कि कई करोड़ रुपये का खेल दोनों ने मिलकर किया था, जिसकी मदद से संपत्ति समेत अन्य जगहों पर रकम को निवेश कर दिया था।

कोलकाता के बाद आगे अन्य लोग करते थे सप्लाई: दोनों ने बताया कि उनका काम था कि माल को फर्जी फर्म पर मंगवाकर भंडारण करना, फिर उसे लेकर कोलकाता पहुंचाना। इसके आगे की चेन अलग है।

वहां से अन्य लोग उसे लेकर बांग्लादेश समेत अन्य देशों में सप्लाई करते थे। वहां से पेमेंट आ जाती थी। पूछताछ के आधार पर एसटीएफ पूरी चेन खंगाल रही है। दोनों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अन्य लोगों को गिरफ्तार करेगी।
फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी करने पर साध ली चुप्पी

एसटीएफ ने बताया कि दोनों से फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी की गई, तो सभी चीजें शुभम समेत अन्य पर डाल देते थे। जब उनके खातों के बारे में लेनदेन के बारे में दिखाया गया, तो चुप्पी साध ली।

दोनों ने कुछ जानकारी दी है, जिसके आधार पर और भी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं, वे लोग तस्करी में शामिल थे या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।
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