दिल्ली सरकार पर अवमानना की कार्रवाई करेगा Delhi HC, तीन साल बाद भी दिव्यांगों को लेकर नहीं उठाया कोई कदम
/file/upload/2025/12/3836959108128643661.webpजागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सरकारी विभागों में दिव्यांगों के लिए खाली पदों को भरने में नाकाम रहने पर दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगा।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि खाली पदों को भरने के विस्तृत निर्देश देने के तीन साल बीतने के बाद भी सरकार भ्रमित करने वाला हलफनामा दाखिल करने के सिवा कुछ नहीं किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अदालत ने कहा कि सरकार का हलफनामा कोर्ट को भ्रमित करने की कोशिश है। सरकार सामान्य भर्ती को विशेष भर्ती अभियान के साथ मिला रही है, जहां खाली पदों को भरा जाना था।
पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए एक विशेष भर्ती अभियान चलाने और खाली पदों को भरने के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए थे, लेकिन कोई खास प्रयास नहीं किए गए। अदालत ने दिव्यांग उम्मीदवारों द्वारा भरे जाने वाले खाली पदों की संख्या की पहचान करने में देरी के लिए भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
अदालत ने सरकार के समाज कल्याण सचिव से कहा, डेटा एकत्रित करने में 12 महीने से ज्यादा समय लग गए, जबकि यह सब आसानी से किया जा सकता था? पीठ ने कहा अदालत किसी एक अधिकारी की बात नहीं कर रही है, बल्कि हम लापरवाही की बात कर हैं।
यह टिप्पणी करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड नाम के एक गैर-लाभकारी संस्था से खाली पदों का विवरण देते हुए एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा।
साथ ही यह भी कहा कि सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का आदेश जारी करेंगे। पीठ ने कहा कि अदालत को हलफनामा दाखिल करके भर्ती प्रक्रिया के बारे में गुमराह किया है।
पीठ ने याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने को कहा। साथ ही सरकार को इस पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई तीन फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
मार्च 2023 में अदालत ने दिल्ली सरकार को विभिन्न सरकारी विभागों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित खाली पदों को भरने के लिए एक विशेष भर्ती अभियान चलाने का आदेश दिया था।
अदालत ने नोट किया था कि सीधे भर्ती कोटे के तहत दिव्यांगों के 1,351 खाली पद उपलब्ध है और इसमें से दृष्टिबाधित लोगों के लिए 356 खाली पद शामिल हैं।
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