सामने वाला सच बोल रहा है या झूठ? इन 5 साइकोलॉजिकल ट्रिक्स से मिनटों में लगाएं पता
/file/upload/2025/12/7215734734586923710.webpझूठ पकड़ने के आसान तरीके (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रोजमर्रा की जिंदगी में हम कई लोगों से मिलते हैं और बातचीत करते हैं। ऐसे में कई बार हमें संदेह होता है कि सामने वाला व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं (Lie Detection)।
झूठ का पता लगाना कोई जादू की छड़ी नहीं, बल्कि एक आर्ट है जिसे विकसित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ट्रिक्स (Psychological Tricks for Lie Detection) के बारे में, जिनकी मदद से आप पता लगा सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बॉडी लैंग्वेज पहचानें
[*]आंखों का संपर्क- ज्यादा टकटकी या फिर आंखें बिल्कुल न मिलाना दोनों ही संदेह पैदा करते हैं। झूठ बोलते समय कई लोग आंखें मिलाने से कतराते हैं, तो कुछ जानबूझकर ज्यादा देर तक सीधी टकटकी बनाए रखते हैं।
[*]चेहरे के हाव-भाव- असामान्य मुस्कान, होंठ काटना, या चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव जैसे छोटे-छोटे भाव झूठ का संकेत दे सकते हैं। अक्सर झूठे व्यक्ति के भाव और उसके शब्दों में तालमेल नहीं होता।
[*]हाथों की हरकतें- बार-बार चेहरे को छूना, गर्दन सहलाना या हाथों को छिपाने की कोशिश करना। झूठ बोलते समय हाथों की गति या तो बहुत कम हो जाती है या फिर बहुत बढ़ जाती है।
/file/upload/2025/12/8489602322776820115.jpg (AI Generated Image)
बातचीत पर ध्यान दें
[*]बोलने का तरीका- झूठ बोलते समय आवाज की पिच बदल सकती है। कुछ लोग तेज बोलने लगते हैं, तो कुछ धीमे। बोलने में ठहराव, \“उम्म\“, \“आह\“ जैसे शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल या वाक्यों को बीच में बदलना संदेह पैदा करता है।
[*]डीटेल्स की कमी या बहुत ज्यादा- कुछ झूठे लोग बहुत कम डीटेल्स देते हैं, तो कुछ बहुत ही ज्यादा डीटेल में कहानी सुनाते हैं। दोनों ही स्थितियां चेतावनी का संकेत हो सकती हैं।
[*]डिफेंसिव व्यवहार- साधारण सवालों पर भी डिफेंसिव हो जाना या सवालों के जवाब में सवाल करना, यह रवैया भी संदेह पैदा करता है।
[*]कहानी में बदलाव- अलग-अलग समय पर कहानी के डीटेल बदलना या तथ्यों में हेरफेर होना।
[*]भावनाएं न दिखाना- स्थिति के अनुसार ज्यादा भावुक होना या फिर भावनाओं का पूरी तरह अभाव होना भी संदेह की स्थिति पैदा करता है।
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इन बातों का ध्यान रखें
यह याद रखना जरूरी है कि ये संकेत इस बात को पूरी तरह साबित नहीं करते कि सामने वाला व्यक्ति झूठ ही बोल रहा है। झूठ का पता लगाना एक जटिल प्रक्रिया है जिसका सबसे असरदार तरीका है सवाल पूछते रहना और विवरणों पर ध्यान देना।
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