चतुर्थवर्गीय कर्मी को 12 वर्षों के वेतन का 50% भुगतान करने का आदेश, पटना हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
/file/upload/2025/12/5647958320934441794.webpविधि संवाददाता, पटना। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के एक चतुर्थवर्गीय कर्मी को 12 वर्ष पूर्व गैरकानूनी तरीके से हटाए जाने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।
न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने अटल बिहारी सिंह की रिट याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें नियुक्ति की तिथि से सेवारत मानने और पिछले 12 वर्षों के वेतन का 50 प्रतिशत भुगतान करने का आदेश दिया है।
अदालत ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई को भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि 1 जून 2013 को अन्य दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की तरह अटल बिहारी सिंह की सेवा भी नियमित की गई थी, लेकिन मात्र दो माह बाद 31 जुलाई 2013 को उनकी नियमित नियुक्ति रद कर दी गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट ने पाया कि जिन आधारों पर अटल की सेवा समाप्त की गई, वही आधार अन्य कर्मियों पर भी लागू थे, फिर भी उन्हें सेवा से नहीं हटाया गया।
अटल बिहारी सिंह ने सेवा समाप्ति के खिलाफ विश्वविद्यालय के कुलपति के समक्ष प्रतिवेदन दिया था, जिसे सितंबर 2015 में खारिज कर दिया गया। हाई कोर्ट ने इस आदेश को भी असंगत मानते हुए रद कर दिया।
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय दो माह के भीतर अटल बिहारी सिंह को 12 वर्षों के वेतन की आधी राशि का भुगतान सुनिश्चित करे।
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