IAS Santosh Verma: मध्य प्रदेश के आइएएस अधिकारी के खिलाफ बक्सर कोर्ट में शिकायत, क्या है मामला
/file/upload/2025/12/7577859860050718353.webpआइएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ परिवाद
जागरण संवाददाता, बक्सर। Senior IAS Officer Santosh Verma: सांस्कृतिक मंचों पर सक्रिय रहने वाले स्थानीय कार्यकर्ता नंद कुमार तिवारी ने मध्य प्रदेश सरकार में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संतोष वर्मा पर सार्वजनिक मंच से ब्राह्मणों की बेटियों के खिलाफ आपत्तिजनक जातीय और नारी विरोधी टिप्पणी करने के साथ ही सामाजिक वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मामला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दर्ज कराया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि संतोष ने 23 नवंबर को भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रूप से ऐसा वक्तव्य दिया, जिससे जातीय विद्वेष फैलने और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका उत्पन्न हुई।
भावना आहत होने का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि आरोपित अधिकारी ने आरक्षण और जातिगत संदर्भों को लेकर कथित रूप से ब्राह्मण समाज के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की। परिवादी के अनुसार, उक्त बयान से समाज के एक वर्ग की भावनाएं आहत हुईं और इससे सामाजिक तनाव उत्पन्न होने की स्थिति बनी।
परिवाद पत्र में यह भी उल्लेख है कि आरोपित के बयान को प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित किया गया, जिससे उसका प्रभाव और अधिक बढ़ गया।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस तरह के बयान भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आते हैं।
बता दें कि इस मामले में विवाद बढ़ने पर आइएएस अधिकारी ने इसपर माफी भी मांगी थी। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने उनपर सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है। उनपर सेवा से बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है।
फिलहाल उन्हें कृषि विभाग के उप सचिव से हटाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग में भेज दिया गया है। उन्हें कोई काम नहीं दिया गया है। संतोष वर्मा पर सेवा में पदोन्नति के लिए फर्जी आदेश तैयार करने के आरेाप भी हैं।
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