Chikheang Publish time Yesterday 04:07

VB-G RAM G: विकसित भारत 2047 का विजन, डिजिटल भुगतान... कैसे श्रमिकों-किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा?

/file/upload/2025/12/8212236291956668065.webp

विकसित भारत 2047 का विजन, डिजिटल भुगतान (फाइल फोटो)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार लोकसभा में एक नया ग्रामीण रोजगार कानून पेश करने जा रही है, जिसमें दो दशक पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त करने और उसकी जगह एक नया विधेयक लाने का प्रस्ताव है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नए बिल का नाम है-विकसित भारत-जीरामजी (गारंटी फार रोजगार एंड आजीविका मिशन, ग्रामीण) विधेयक-2025। इसका लक्ष्य ग्रामीण रोजगार और विकास को विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप बनाना है।
विकसित भारत-जीरामजी क्या है?

विकसित भारत-जीरामजी मनरेगा का एक व्यापक प्रारूप है। नई योजना के तहत निर्मित सभी संपत्तियों को विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण बुनियादी ढांचे में समेकित किया जाएगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण विकास के लिए एकीकृत और समन्वित राष्ट्रीय दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है।
मनरेगा से किस तरह अलग

नया अधिनियम मनरेगा का एक उन्नत संस्करण है, जो संरचनात्मक कमजोरियों को दूर करते हुए रोजगार, पारदर्शिता, योजना और जवाबदेही को बढ़ाता है।
ये प्रमुख सुधार किए गए

[*]उच्च रोजगार गारंटी : रोजगार गारंटी 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है, जिससे ग्रामीण परिवारों को अधिक आय सुरक्षा प्राप्त होगी।
[*]सुनियोजित ढांचे पर ध्यान : मनरेगा के कार्य मजबूत रणनीति के अभाव में कई श्रेणियों में बिखरे हुए थे। विकसित भारत-जीरामजी में इन्हें चार श्रेणियों में बांट दिया गया है।
[*]स्थानीय रूप से एकीकृत योजना : नए अधिनियम में विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं को अनिवार्य किया गया है। इन्हें पंचायतों द्वारा स्वयं तैयार किया जाएगा और पीएम गति-शक्ति जैसी राष्ट्रीय प्रणालियों के साथ एकीकृत किया जाएगा।
[*]ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ जल सुरक्षा : जल संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। मिशन अमृत सरोवर ने पहले ही 68,000 से अधिक जल निकायों का निर्माण/पुनरोद्धार किया है, जो कृषि और भूजल पर स्पष्ट प्रभाव दर्शाता है।
[*]मुख्य ग्रामीण बुनियादी ढांचा : सड़कें, संपर्क और मूलभूत बुनियादी ढांचा बाजार पहुंच और ग्रामीण व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
[*]आजीविका बुनियादी ढांचा : भंडारण, बाजार और उत्पादन परिसंपत्तियां आय विविधता में सहायक होंगी।
[*]जलवायु लचीलापन : जल संचयन, बाढ़ निकासी और मृदा संरक्षण के लिए बुनियादी ढांचा ग्रामीण आजीविका की रक्षा करेगा।
[*]उच्च रोजगार : 125 दिन रोजगार की गारंटी से परिवारों की आय बढ़ेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।
[*]पलायन में कमी : अधिक ग्रामीण अवसरों और टिकाऊ परिसंपत्तियों के साथ पलायन का दबाव कम होगा।
[*]डिजिटल गतिविधियां : डिजिटल उपस्थिति, डिजिटल भुगतान और डाटा-आधारित योजना से दक्षता बढ़ेगी।

किसानों को क्या लाभ होगा?

[*]श्रम उपलब्धता की गारंटी : राज्य बोआई/कटाई के दौरान 60 दिनों तक की अवधि अधिसूचित कर सकते हैं, जब विकसित भारत-जीरामजी का काम बंद रहेगा। इससे महत्वपूर्ण कृषि कार्यों के दौरान श्रम की कमी नहीं होगी और श्रमिकों को स्थानांतरित होने से रोका जा सकेगा।
[*]मजदूरी मुद्रास्फीति पर नियंत्रण : सघन कृषि गतिविधियों के दौरान सार्वजनिक कार्यों को रोकने से कृत्रिम मजदूरी मुद्रास्फीति को रोका जा सकेगा, जिससे खाद्य उत्पादन लागत में वृद्धि नहीं होगी।
[*]जल एवं सिंचाई संसाधन : प्राथमिकता प्राप्त जल परियोजनाएं सिंचाई, भूजल और बहु-मौसमी फसल उत्पादन की क्षमता में सुधार करेंगी। (68,000 से अधिक अमृत सरोवर का समर्थन मिलेगा)।
[*]बेहतर संपर्क एवं भंडारण : मूलभूत एवं आजीविका बुनियादी ढांचा किसानों को उपज का भंडारण करने, नुकसान कम करने और बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद करेगी।
[*]जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता : बाढ़-निकासी, जल संचयन और मृदा संरक्षण फसलों की रक्षा करेंगे और नुकसान को कम करेंगे।

श्रमिकों को क्या लाभ होगा?

[*]उच्च आय : नई योजना में 125 कार्य दिवस की गारंटी दी गई है। इससे श्रमिकों की संभावित आय में 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
[*]निश्चित कार्य : विकसित ग्राम पंचायत योजना के माध्यम से पूर्व-निर्धारित कार्य उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
[*]डिजिटल भुगतान : पूर्ण बायोमेट्रिक और आधार-आधारित सत्यापन के साथ इलेक्ट्रानिक वेतन (2024-25 में 99.94 प्रतिशत) जारी रहेगा, जिससे वेतन चोरी समाप्त हो जाएगी।
[*]बेरोजगारी भत्ता : यदि काम नहीं दिया जाता है, तो राज्यों को बेरोजगारी भत्ता देना होगा।
[*]संपत्ति निर्माण : संपत्ति निर्माण से श्रमिकों को भी लाभ होगा। बेहतर सड़कें, पानी और आजीविका संपत्तियों के निर्माण से श्रमिक भी लाभान्वित होंगे।

मनरेगा में बदलाव की आवश्यकता क्यों?

मनरेगा को 2005 के लिए बनाया गया था, लेकिन ग्रामीण भारत में तब से अब तक काफी बदलाव आ चुका है। विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार, उपभोग, आय और वित्तीय पहुंच में वृद्धि के कारण गरीबी दर 25.7 प्रतिशत (2011-12) से घटकर 4.86 प्रतिशत (2023-24) रह गई है। मजबूत सामाजिक सुरक्षा, बेहतर कनेक्टिविटी, डिजिटल पहुंच में वृद्धि और ग्रामीण आजीविका के अधिक साधनों के साथ पुराना ढांचा आज की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अनुरूप नहीं रह गया है।

इस संरचनात्मक परिवर्तन को देखते हुए मनरेगा का माडल पुराना पड़ गया था। विकसित भारत-जीरामजी विधेयक इस प्रणाली का आधुनिक वर्जन है। इसमें आज की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक जवाबदेह और प्रासंगिक रोजगार ढांचा तैयार किया गया है।

VB-G RAM G: 125 दिन काम, वीकली सैलरी... मनरेगा की जगह नई योजना में क्या-क्या बदलेगा?
Pages: [1]
View full version: VB-G RAM G: विकसित भारत 2047 का विजन, डिजिटल भुगतान... कैसे श्रमिकों-किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा?

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.