बांबे हाई कोर्ट ने पुलिस को आराम तलबी से जांच के लिए फटकारा
/file/upload/2025/12/7997232404668203696.webpबांबे हाई कोर्ट। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांबे हाई कोर्ट ने पुलिस को कानून के प्रविधानों के प्रति पूर्ण अवहेलना और आराम तलबी से जांच के लिए फटकार लगाई है और इस संबंध में केंद्र सरकार से भी सवाल किए हैं।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में महीनों तक प्रारंभिक जांच करती है, जबकि कानून में यह अनिवार्य है कि इसे 14 दिनों के भीतर किया जाए। जस्टिस अजय गडकरी और रंजीत सिंह भोंसले की पीठ ने एक आदेश में कहा कि पुलिस शिकायतों की प्रारंभिक जांच महीनों से कर रही है, जबकि इसे 14 दिनों के भीतर पूरा करना अनिवार्य है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
कोर्ट ने आदेश दिया, \“\“हम इसे उचित समझते हैं कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार का दृष्टिकोण लिया जाए कि क्या बीएनएसएस के प्रविधान सभी पुलिस थानों पर लागू होते हैं और यदि हां, तो इसे सख्ती से और ईमानदारी से क्यों नहीं अपनाया गया।\“\“
पीठ ने मामले को 19 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल को केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट एक याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसे कुंदन पाटिल ने अपने वकील उदय वरुंजीकर के माध्यम से दायर किया था, जिसमें उन्होंने मुंबई के मीरा रोड स्थित काशिमिरा पुलिस थाने में अक्टूबर में दी गई अपनी शिकायत पर एफआइआर दर्ज करने का निर्देश मांगा था।
काशिमिरा पुलिस ने अपने हलफनामे में कोर्ट को बताया कि अगस्त में दर्ज शिकायत की जांच अभी भी चल रही है। अगस्त में याचिकाकर्ता के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी और उस शिकायत में भी जांच जारी थी।
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