बिहार में बीजेपी ने एक तीर से साधे कई निशाने, संजय सरावगी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पार्टी को क्या लाभ?
/file/upload/2025/12/4100199843355568018.webpबिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष संजय सरावगी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर संजय सरावगी की ताजपोशी से भाजपा को कई स्तरों पर लाभ मिल सकता है। एक ओर इससे पिछड़ा वर्ग में यह संदेश जाएगा कि भाजपा उनके नेतृत्व को लगातार आगे बढ़ा रही है, वहीं, दूसरी ओर संगठन में स्थिरता और निरंतरता बनी रहेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भाजपा की यह रणनीति विपक्ष की उस राजनीति को भी चुनौती देती है, जिसमें पिछड़ा वर्ग को परंपरागत रूप से अपने पाले में मानता रहा है। लगातार चौथे अध्यक्ष को इसी वर्ग से बनाकर भाजपा ने यह संकेत दिया है कि पिछड़ों की राजनीति पर उसका दावा कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत हो रहा है।
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि विकास, सुशासन एवं संगठनात्मक मजबूती के साथ जब सामाजिक प्रतिनिधित्व जुड़ता है, तो उसका असर व्यापक होता है। सरावगी के सामने अब संगठन को और अधिक मजबूत करने, बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और विभिन्न सामाजिक समूहों को साथ लेकर चलने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
संजय सरावगी को पिछड़ा वर्ग से लगातार चौथा प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि उसकी राजनीति केवल सत्ता केंद्रित नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन और दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित है।
सरावगी ने सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त की शुरुआती शिक्षा
भाजपा के 18वें नव मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी दरभंगा शहर के गांधी चौक, बड़ा बाजार निवासी हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त 56 वर्षीय सरावगी भाजपा में संगठन में मंडल से लेकर प्रदेश स्तर पर विभिन्न दायित्व संभाल चुके हैं।
सरावगी मारवाड़ी वर्ग (sanjay sarawagi Caste) से आते हैं, जो बिहार में वैश्य समाज में सम्मिलित है। 28 अगस्त 1969 को जन्मे सरावगी ने उच्च शिक्षा में एमकाम और एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से जुड़े रहे।
भाजपा की सदस्यता उन्होंने 1995 में ली। इसके उपरांत भाजपा युवा मोर्चा के साथ पहली बार दरभंगा नगर निगम के वार्ड पार्षद निर्वाचित हुए।
इसके उपरांत 2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में दरभंगा नगर से भाजपा विधायक चुने गए। इसके बाद फिर नवंबर 2005 में उन्हें सफलता मिली। तब से लेकर अब तक दरभंगा नगर से भाजपा से विधायक हैं।
2005 के दोनों चुनाव के साथ नवंबर 2010, 2015, 2020 एवं 2025 में उन्हें लगातार सफलता मिली। उन्हें 26 फरवरी 2025 को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का मंत्री बनाया गया था।
संयोग या प्रयोग
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री पद पर रहते हुए दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके उपरांत संजय सरावगी को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का दायित्व दिया गया था। अब पार्टी ने पूर्व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है।
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