कफ सीरप मामला: ईडी के सामने पेश नहीं हुआ शुभम, आर्पिक फार्मा के संचालक को पूछताछ के लिए बुलाया
/file/upload/2025/12/4646140001033733094.webpराज्य ब्यूरो, लखनऊ। कफ सीरप मामले का मुख्य आरोपी शुभम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुआ है। ईडी के अधिकारी सोमवार को उसके आने का इंतजार करते रहे। शुभम को ईडी ने सोमवार को पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित दफ्तर बुलाया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, इस मामले में एक अन्य आरोपित आर्पिक फार्मा के संचालक मनोहर लाल जायसवाल को ईडी ने मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। आरोप है कि कफ सीरप की काफी मात्रा आर्पिक फार्मा के संचालक ने अपनी सहयोगी कंपनी इधिका साइंसेस के साथ मिलकर कई राज्यों में सप्लाई की थी।
कफ सीरप के सिंडिकेट को तोड़ने के लिए सरकार द्वारा गठित की गई स्पेशल टाक्स फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार आरोपित अमितत टाटा और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह से पूछताछ पूरी कर ली है। पूछताछ में मिली जानकारी को एसटीएफ ने ईडी के साथ भी साझा किया है।
दोनों आरोपितों ने कई सिंडिकेट के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं। पूछताछ में सिंडिकेट से जुड़ी 14 और फर्मों व उनके संचालकों के नाम सामने आए हैं। इनसे भी जल्द पूछताछ की जाएगी। फिलहाल सिंडिकेट के नेटवर्क की सारी कड़ियां जोड़ी जा रही हैं।
अभी तक की जांच में करीब 300 से ज्यादा फर्जी फर्मों की जानकारी ईडी व एसटीएफ की मिली है। इन फर्मों के रिकार्ड की जांच की जा रही है। इन्हीं फर्मों के जरिए कफ सीरप की काली कमाई को खपाया जा रहा था।
ईडी ने आर्पिक फार्मा के संचालक के अहदाबाद और लखनऊ स्थित ठिकानों पर बीते दिनों छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए थे। इन्हीं के बारे में पूछताछ के लिए ईडी की टीम आर्पिक फार्मा के संचालक को पूछताछ के लिए बुलाया है।
गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हुआ शुभम
कफ सीरप सिंडिकेट का मुख्य आरोपित शुभम गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गया है। वह ईडी के सामने भी इसी लिए पेश नहीं हुआ कि कहीं उसे पूछताछ के बाद गिरफ्तार न कर लिया जाए। ईडी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुभम ने ईडी से पेश होने के लिए कुछ समय मांगा है।
शुभम और विकास का गिरफ्तारी वारंट जारी
कफ सीरप मामले में शुभम और विकास सिंह नरवे की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। जांच एजेंसियों के अनुसार दोनों आरोपित इस मामले के सामने आने के बाद से फरार चल रहे हैं। विकास भी फर्जी फर्मों के जरिए कफ सीरप की सप्लाई करता था।
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