किसान सम्मान निधि के लिए Farmer ID जरूरी, वरना कट जाएगा आपका नाम; ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
/file/upload/2025/12/6041116742448704340.webpकिसान सम्मान निधि हो सकती है बंद। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, सिकटी (अररिया)। भारत सरकार के एग्री स्टेक परियोजना अंतर्गत जिले के 2 लाख 78 हजार किसानों का फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिसमें किसानों को उनकी जमीन, उनके द्वारा की जाने वाली फसल की खेती, उस फसल में उपयोग किए जाने वाले फर्टिलाइजर की मात्रा समेत अन्य कृषि संबंधी जानकारी ऑनलाइन दर्ज रहेगी। इसके दो स्टेप हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पहले वैसे किसानों का चयन किया गया है, जो किसान सम्मान निधि का लाभ लें रहे हैं। उसके बाद रजिस्टर्ड किसानों का किसान आईडी बनाई जाएगी। भारत सरकार ने किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए शिविर लगाकर किसानों का फार्मर आईडी बनाने का निर्देश दिया है। इसमें बिहार भूमि के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के किसानों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जाएगा।
कृषि विभाग की माने तो फार्मर आईडी से वास्तविक किसानों को उनके जमीन और फसल की जानकारी ऑनलाइन दर्ज होगी।किसानों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेने में सहूलियत होगी। फसल बिक्री और आय की जानकारी ऑनलाइन दर्ज रहेगी। किसानो के समस्याओं के निष्पादन में तेजी आएगी।
किसानों को देने होंगे ये दस्तावेज
फार्मर आईडी कृषि कार्यों के लिए किसानों को दी जाएगी। इसमें कोताही बरतने वाले कृषि कर्मियों पर कार्रवाई तय है। जिन पंचायतों की उपलब्धि लक्ष्य से कम होगी। उनके विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई होगी। फार्मर आईडी के शिविर में किसानों को जमीन संबंधी विवरण, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देना होगा।
शिविर में किसान सलाहकार, पंचायत सेवक, कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक और राजस्व विभाग के जुड़े अधिकारी और कर्मचारी रहेंगे। फार्मर रजिस्ट्री के लिए भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कार्य किया जाना है। इसके लिए बिहार सरकार ने कृषि विभाग के साथ-साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों को टास्क सौपा है।
फार्मर आईडी नहीं होने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को वंचित होना पड़ेगा। फर्जीवाड़ा पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। कृषि के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान के बोझ में कमी आएगी। वास्तविक किसानों को इससे फायदा होगा। और अनुदान का दुरुपयोग रुकेगा।
फार्मर आईडी बनने से फर्जी ढंग से किसान रजिस्ट्रेशन कराने वालो का पंजीयन रद्द होगा। और उन्हें कृषि संबंधी किसी प्रकार की सहायता और अनुदान नहीं मिलेगी। वही फसल बीमा में फर्जीवाड़ा रुकेगी। राजस्व गांवो का वास्तविक रकवा से अधिक खेती दिखाकर किसान अब अनुदान नहीं ले पाएंगे।
कृषि पदाधिकारी क्या बोले?
जानकारी देते प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार झा ने कहा कि फार्मर आईडी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। वास्तविक किसानों तक कृषि विभाग की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार मिशन मोड में काम कर रही है, ताकि अनुदान की राशि का दुरुपयोग रोका जा सकें। फार्मर आईडी में दर्ज रकबा के हिसाब से ही किसानों को यूरिया, डीएपी, फसल बीमा समेत अन्य अनुदान और सुविधाएं मिलेगी।
जिले के आंकड़े
प्रखंड पीएम किसान ई-केवाईसी एफआर प्रतिशत
अररिया
27,520
9,393
2,246
8.16
भरगामा
20,923
5,698
1,661
7.94
फारबिसगंज
22,352
9,694
2,076
9.29
जोकीहाट
66,503
21,337
1,565
2.35
कुर्साकांटा
17,986
4,742
2,516
13.99
नरपतगंज
36,588
9,332
3,047
8.33
पलासी
33,596
11,908
940
2.80
रानीगंज
30,959
12,968
3,486
11.26
सिकटी
21,600
5,836
2,379
11.01
कुल
276,027
80,908
19,916
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