cy520520 Publish time 2025-12-28 17:27:31

पंजाब में भाईचारे की मिसाल! वजीर खान ने दीवार में जिंदा चिनवाया, साहिबजादों की शहादत की याद में मुस्लिमों ने जोड़े हाथ, लंगर लगाया

/file/upload/2025/12/3046708778985866966.webp

मुस्लिम वेलफेयर कमेटी (8360) ने गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों की शहादत की याद में लंगर लगाया।



संवाद सहयोगी, डेराबस्सी। डेराबस्सी में आपसी सौहार्द और भाईचारे की एक प्रेरणादायक मिसाल उस समय देखने को मिली, जब मुस्लिम वेलफेयर कमेटी (8360) की ओर से सिख इतिहास के बलिदान हुए छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत की याद में लंगर का आयोजन किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि धर्म से ऊपर इंसानियत और एकता का भाव ही समाज की असली ताकत है। लंगर में बड़ी संख्या में राहगीरों, स्थानीय लोगों, सिख संगत सहित विभिन्न धर्मों के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन स्थल पर सभी को बिना किसी भेदभाव के भोजन परोसा गया, जिससे सामाजिक समरसता का संदेश दिया गया।

कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि छोटे साहिबजादों की कुर्बानी केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश और मानवता के लिए प्रेरणा है। अत्याचार के सामने डटकर खड़े होकर उन्होंने धर्म और न्याय की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसी भावना को जीवंत रखने के उद्देश्य से यह लंगर लगाया गया।

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि डेराबस्सी हमेशा से ही आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक रहा है। ऐसे आयोजन समाज में आपसी विश्वास को मजबूत करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को एक-दूसरे के धर्म और परंपराओं का सम्मान करना सिखाते हैं।

स्थानीय लोगों और सिख संगत ने मुस्लिम वेलफेयर कमेटी (8360) के इस सराहनीय प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन देश की एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करते हैं। आयोजन के दौरान कमेटी के सदस्यों और युवाओं ने सेवा भावना के साथ लंगर की सेवा कर मानवता की मिसाल पेश की।
जानें गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की वीरगाथा

गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहिबजादों (अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह) ने धर्म और सच्चाई के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। बड़े साहिबजादे अजीत सिंह और जुझार सिंह चमकौर के युद्ध में बलिदान हुए। छोटे साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम कबूल न करने पर सरहिंद के वजीर खान ने 1704 में जिंदा दीवार में चुनवा दिया। इस दिन को \“वीर बाल दिवस\“ के रूप में मनाया जाता है।
Pages: [1]
View full version: पंजाब में भाईचारे की मिसाल! वजीर खान ने दीवार में जिंदा चिनवाया, साहिबजादों की शहादत की याद में मुस्लिमों ने जोड़े हाथ, लंगर लगाया

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com