वाराणसी में कोडीन युक्त कफ सीरप तस्करी का बड़ा खुलासा, 23 करोड़ के फर्जी लेन-देन में पांच गिरफ्तार
/file/upload/2025/12/2357354443128521835.webpपुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर 23 करोड़ रुपये के शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध कारोबार करते थे।
राकेश श्रीवास्तवजागरण, वाराणसी। वाराणसी पुलिस ने कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी के मामले में एक बड़ा खुलासा किया है। इस कार्रवाई में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 23 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन का पर्दाफाश किया गया है। यह कार्रवाई वरुणा जोन के रोहनिया थाने में तीन और सारनाथ में दो लोगों के खिलाफ की गई है। पूरे मामले में कई शेल कंपनियों के माध्यम से फर्जी भुगतान और अवैध लेन देन किया जा रहा था।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में रोहिनिया से स्वप्निल केशरी, दिनेश यादव और आशीष यादव शामिल हैं। वहीं, सारनाथ से विष्णु पांडे और लोकेश अग्रवाल को पकड़ा गया है। इन लोगों का मुख्य कार्य अवैध शेल कंपनियों की स्थापना करना है। इसके बाद ये कंपनियां जीएसटी नंबर प्राप्त करती हैं और ड्रग लाइसेंस भी हासिल करती हैं, लेकिन वास्तव में ये कोई भी खरीद-बिक्री का कार्य नहीं करतीं। ये कंपनियां केवल कागज पर अस्तित्व में हैं और पूरी तरह से झूठे जीएसटी बिल और इनवॉइस तैयार करती हैं।
पुलिस ने बताया कि ये कंपनियां अल उकबा, एसबी फार्मा, सिंह मेडिकोज और सारनाथ की पीडी फार्मा जैसे नामों से संचालित हो रही थीं। रोहिनिया की कंपनियों में शुभम जायसवाल, दिनेश यादव और आशीष यादव शामिल हैं। सारनाथ के प्रतीक गुजराती और लोकेश जायसवाल के फॉर्म्स के माध्यम से इन सभी पैसों का फाइनल ट्रांजैक्शन उनके अकाउंट में किया जाता था।
पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि पीडी फार्मा कंपनी में 13 करोड़ रुपये का कैश डिपॉजिट किया गया था। सारनाथ की कंपनी में लगभग 6 से 7 करोड़ रुपये का कैश और 3 से 4 करोड़ रुपये का आरटीजीएस के माध्यम से लेन-देन हुआ था। हालांकि, ये सभी कंपनियां केवल सेल कंपनियां हैं और इनके पास कोई भी भौतिक सामान नहीं है। इन कंपनियों के कार्यालय में केवल एक कमरे में टेबल और चेयर होते हैं।
पुलिस ने बताया कि ये कंपनियां अवैध कफ सिरप की तस्करी में संलिप्त थीं और इनका लिंक बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है। वहां पर कफ सिरप की कीमत 10 गुना अधिक है। इनसे प्राप्त होने वाला पैसा गोल्ड के रूप में या हवाला के माध्यम से कैश के नोटों के रूप में वाराणसी में रिसीव किया जाता था।
इस तस्करी के नेटवर्क को ट्रेस करने के बाद पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई न केवल वाराणसी में अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त हैं। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच जारी रखी है और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश कर रही है।
इस प्रकार की तस्करी न केवल कानून के लिए चुनौती है, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रकार की गतिविधियों की सूचना दें ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
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