Chikheang Publish time 2025-12-29 18:27:24

New Year Trip 2026 : न्यू ईयर पर पटना के पास घूमने का प्लान? पहाड़, शांति, इतिहास और संस्कृति—सुकून से भर देगा ये ट्रिप

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बिहार में घूमिए ये जगह



राधा कृष्ण, पटना। नया साल… नई शुरुआत, नई यादें और रोज़मर्रा की भागदौड़ से कुछ दिन का सुकून। जैसे ही कैलेंडर का आख़िरी पन्ना पलटने को होता है, लोगों के मन में घूमने-फिरने और परिवार या दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की चाह जाग उठती है। अगर आप भी न्यू ईयर पर कहीं बाहर जाने का प्लान बना रहे हैं और लंबी यात्रा या भारी खर्च से बचना चाहते हैं, तो पटना और उसके आसपास की ये जगहें आपके लिए परफेक्ट हैं। यहां नेचर है, इतिहास है, आध्यात्म है और वह सुकून भी, जिसकी तलाश हर ट्रैवलर को रहती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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राजगीर ग्लास ब्रिज।
राजगीर: पहाड़ों की गोद में शांति और रोमांच का संगम

पटना से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित राजगीर बिहार का ऐसा पर्यटन स्थल है, जहां हर उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ खास है। धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा मेल राजगीर को न्यू ईयर ट्रिप के लिए शानदार बनाता है।

यहां विश्व शांति स्तूप की ऊंचाई से पूरे इलाके का नज़ारा मन मोह लेता है। रोपवे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचना अपने आप में रोमांचक अनुभव है। वेणुवन और गर्म कुंड में समय बिताकर मन को गहरी शांति मिलती है।

हाल के वर्षों में राजगीर जू सफारी और ग्लास ब्रिज ने युवाओं और परिवारों के बीच खास लोकप्रियता हासिल की है। नए साल के मौके पर पहाड़ों से घिरी हरियाली, ठंडी हवा और शांत माहौल एक अलग ही एहसास देता है। चाहें तो राजगीर के साथ नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर और पावापुरी भी घूम सकते हैं। यह ट्रिप ज्ञान, प्रकृति और आनंद, तीनों का संतुलन बनाती है।
कैसे पहुंचे राजगीर

पटना से राजगीर पहुंचना बेहद आसान है। सड़क मार्ग से पटना–राजगीर की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है, जिसे कार या बस से 2.5 से 3 घंटे में तय किया जा सकता है। पटना से नियमित बसें उपलब्ध हैं। रेल मार्ग से पटना जंक्शन से राजगीर के लिए सीधी ट्रेनें चलती हैं। इसके अलावा गया तक ट्रेन लेकर वहां से टैक्सी या बस से भी राजगीर पहुंचा जा सकता है।
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वैशाली का विश्व शांति स्तूप
वैशाली: जहां इतिहास बोलता है

पटना से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित वैशाली इतिहास प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। इसे दुनिया का पहला गणराज्य माना जाता है और भगवान बुद्ध से इसका गहरा संबंध रहा है।

अशोक स्तंभ, बुद्ध स्तूप और यहां का संग्रहालय प्राचीन भारत की लोकतांत्रिक परंपरा और बौद्ध संस्कृति की झलक देते हैं। नए साल पर अगर आप शोर-शराबे से दूर रहकर कुछ अर्थपूर्ण देखना और समझना चाहते हैं, तो वैशाली एक बेहतरीन विकल्प है।

यहां घूमते हुए ऐसा लगता है मानो समय पीछे लौट गया हो। खुले मैदान, ऐतिहासिक अवशेष और शांत वातावरण—न्यू ईयर की शुरुआत सोच-विचार और आत्ममंथन के साथ करने के लिए इससे बेहतर जगह शायद ही मिले।
कैसे पहुंचे वैशाली

पटना से वैशाली की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यह सफर कार या टैक्सी से करीब 1.5 से 2 घंटे में पूरा किया जा सकता है। पटना के जीरो माइल या गांधी सेतु होकर हाजीपुर के रास्ते वैशाली पहुंचा जाता है। पटना से हाजीपुर के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं। रेल मार्ग से हाजीपुर जंक्शन तक ट्रेन लेकर वहां से स्थानीय साधनों से वैशाली आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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बौद्ध धर्म का पवित्र केंद्र
बोधगया: आत्मा को सुकून देने वाला सफर

पटना से करीब 95 किलोमीटर दूर बोधगया बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थल है। आधुनिक और स्मूद सड़क मार्ग से यहां पहुंचना बेहद आसान हो गया है।

महाबोधि मंदिर, बोधि वृक्ष और दुनिया भर के देशों द्वारा बनाए गए अंतरराष्ट्रीय मठ बोधगया को वैश्विक पहचान दिलाते हैं। नए साल के मौके पर यहां देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

बोधगया केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा का केंद्र भी है। अगर आप नए साल की शुरुआत शांति, ध्यान और सकारात्मकता के साथ करना चाहते हैं, तो यह जगह आपके लिए बिल्कुल सही है।
कैसे पहुंचे बोधगया

पटना से बोधगया की दूरी लगभग 95 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से पटना–गया राष्ट्रीय राजमार्ग पर कार या बस से 2 से 3 घंटे में बोधगया पहुंचा जा सकता है। पटना के मीठापुर बस स्टैंड से गया के लिए नियमित बसें मिलती हैं। रेल मार्ग से पटना जंक्शन से गया जंक्शन तक ट्रेन लेकर वहां से टैक्सी या बस के माध्यम से बोधगया आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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प्राकृतिक खूबसूरती से सराबोर कैमूर पहाड़ी
कैमूर: झरनों, जंगलों और किलों का रोमांच

अगर न्यू ईयर पर प्रकृति के करीब जाना चाहते हैं, तो कैमूर जिला एक बेहतरीन चॉइस है। यहां की हरियाली, पहाड़ और झरने किसी हिल स्टेशन से कम नहीं लगते।

तुतला भवानी जलप्रपात, तेल्हार कुंड, करमचंद डैम और रोहतासगढ़ किला यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। बारिश के बाद और सर्दियों में इन जगहों की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है।

मां मुंडेश्वरी मंदिर, जिसे भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है, धार्मिक आस्था के साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। एडवेंचर, नेचर और इतिहास, तीनों का मज़ा एक साथ लेना हो, तो कैमूर की यात्रा जरूर करें।
कैसे पहुंचे कैमूर

पटना से कैमूर पहुंचने के लिए सड़क और रेल दोनों सुविधाजनक हैं। सड़क मार्ग से पटना से भभुआ (कैमूर) की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है, जिसे कार या बस से 5–6 घंटे में तय किया जा सकता है। पटना से मोहनिया या भभुआ रोड के लिए नियमित बसें मिलती हैं। रेल मार्ग से पटना जंक्शन से भभुआ रोड स्टेशन तक ट्रेनें उपलब्ध हैं, जहां से टैक्सी या बस लेकर कैमूर के पर्यटन स्थलों तक पहुंचा जा सकता है।
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मां जानकी मंदिर, जनकपुर
मिथिला: संस्कृति, कला और आस्था की धरती

पटना से थोड़ा आगे उत्तर बिहार का मिथिला क्षेत्र, दरभंगा, सीतामढ़ी और मधुबनी, घूमने के लिहाज से बेहद खास है। यह इलाका अपनी मैथिली संस्कृति, लोककला और परंपराओं के लिए जाना जाता है।

दरभंगा का राज परिसर, सीतामढ़ी में माता सीता से जुड़े धार्मिक स्थल और मधुबनी की विश्वप्रसिद्ध पेंटिंग्स, यह सब मिलकर मिथिला को एक अलग पहचान देते हैं।

न्यू ईयर पर यहां आकर आपको सिर्फ जगहें देखने का मौका नहीं मिलेगा, बल्कि आप एक जीवंत संस्कृति को महसूस कर पाएंगे। लोकगीत, खानपान और लोगों की सादगी इस यात्रा को यादगार बना देती है।
कैसे पहुंचे मिथिला

पटना से मिथिला क्षेत्र (दरभंगा, मधुबनी और सीतामढ़ी) पहुंचने के लिए सड़क और रेल दोनों सुविधाजनक हैं। सड़क मार्ग से दरभंगा लगभग 140 किमी, मधुबनी 160 किमी और सीतामढ़ी 140 किमी दूर है, जहां कार या बस से 4–5 घंटे लगते हैं। पटना से इन जिलों के लिए नियमित बसें चलती हैं। रेल मार्ग से पटना जंक्शन से दरभंगा, मधुबनी और सीतामढ़ी के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।
कम बजट, ज्यादा सुकून—यही है खासियत

पटना के आसपास की ये सभी जगहें न सिर्फ खूबसूरत हैं, बल्कि बजट फ्रेंडली भी हैं। कम समय में, कम खर्च में और बिना लंबी छुट्टी लिए आप यहां आसानी से घूम सकते हैं।

न्यू ईयर का जश्न मनाने के लिए जरूरी नहीं कि आप भीड़भाड़ वाले बड़े शहरों या महंगे हिल स्टेशनों का रुख करें। कभी-कभी सुकून अपने आसपास ही छिपा होता है, बस उसे पहचानने की जरूरत होती है।
तो इस न्यू ईयर…

अगर आप प्रकृति की गोद में बैठकर नए साल का स्वागत करना चाहते हैं, इतिहास से कुछ सीखना चाहते हैं, या बस परिवार और दोस्तों के साथ यादगार पल बिताना चाहते हैं, तो पटना और उसके आसपास की ये जगहें आपका इंतज़ार कर रही हैं।
नया साल नई जगहों, नई सोच और नई मुस्कान के साथ शुरू करें, क्योंकि असली जश्न वही है, जिसमें सुकून भी हो।
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