Chikheang Publish time 2025-12-30 00:27:32

जन्म से Intersex बच्चों के लिए क्या हैं विकल्प? हार्मोन थेरेपी और सर्जरी को लेकर AIIMS ने माता-पिता को समझाया

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जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। सेक्स डेवलपमेंट डिसऑर्डर (DSD) जन्मजात स्थितियों का एक बहुत ही अलग-अलग तरह का ग्रुप है, जिसमें क्रोमोसोमल, गोनाडल और एनाटामिक सेक्स का डेवलपमेंट असामान्य होता है। एक अनुमान के मुताबिक 4,500 में से एक बच्चा डीएसडी स्थिति के साथ जन्म लेता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसमें जननांगों की बनावट हल्के ढंग से प्रभावित हो सकती है, जहां जन्म के समय लिंग तय करना मुश्किल नहीं होता है, लेकिन कई बार यह इतना असामान्य भी हो सकता है कि लिंग तय करने में दुविधा हो जाए।

यह बातें एम्स के बाल रोग विभाग की डाॅ. वंदना जैन, बाल एंडोक्राइनोलाजी की डाॅ. रजनी शर्मा, बाल सर्जरी के डाॅ. डीके यादव व मनोरोग विभाग के डाॅ. राजेश सागर ने सोमवार को Intersex Condition को स्पष्ट करते हुए कही।

डॉक्टरों के मुताबिक डीएसडी न केवल बाहरी जननांगों के विकास को प्रभावित करते हैं, बल्कि आंतरिक प्रजनन अंगों (गोनाड्स, गर्भाशय), व्यक्ति की अपने लिंग की धारणा, प्यूबर्टी डेवलपमेंट, फर्टिलिटी, कैंसर का खतरा और जीवन भर व्यक्ति के स्वास्थ्य आदि को भी प्रभावित करते हैं।

उपचार के लिए एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम की आवश्यकता होती है, जिसमें पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलाजिस्ट, पीडियाट्रिक सर्जन और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल होते हैं। ऐसे बच्चों को अपनाने के लिए स्वजन भी कई बार तैयार नहीं होते हैं। कई बार कम उम्र में ही करेक्टिव सर्जरी का दबाव बनाते हैं, जो सही नहीं होता।

पहले ऐसे बच्चों को हार्मोनल थेरेपी दी जाती है। वहीं 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर मरीज क्या चाहता है उसके आधार पर स्वजन की स्वीकृति से करेक्टिव सर्जरी की जाती है। किडनी या अन्य समस्या की स्थिति में ही केवल समय से पहले की जाती है।
आनुवांशिक रूप से इस तरह डीएसडी होता है प्रभावी

जेनेटिक रूप से महिला कोमोसोम (XX ) में सेक्स डेवलपमेंट डिसऑर्डर सबसे आम तौर पर एड्रेनल ग्लैंड में हार्मोन सिंथेसिस पाथवे में खराबी के कारण होते हैं, जिससे एंड्रोजन प्रोडक्शन बढ़ जाता है। अन्य कारणों में टेस्टिकुलर डेवलपमेंट के कुछ कंपोनेंट के साथ गोनाड्स के डेवलपमेंट में खराबी व पूर्व में मां को हुए कुछ ट्यूमर भी शामिल हैं।

वहीं, पुरुष क्रोमोसोम (XY) में डीएसडी टेस्टिकुलर डेवलपमेंट, टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन या रिसेप्टर दोषों के कारण टेस्टोस्टेरोन की कम क्रिया के कारण अंडरमैस्कुलिनाइजेशन के कारण होते हैं। वहीं सेक्स क्रोमोसोमल डीएसडी सामान्य सेक्स क्रोमोसोम काॅम्प्लीमेंट से विचलन के परिणामस्वरूप होते हैं।

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