मिनी जामताड़ा में टूट गई साइबरों ठगों की कमर, पुलिस दे रही लगातार दबिश और मुठभेड़; अब कॉल करने से बच रहे
/file/upload/2025/12/8457161533936848550.webpगोवर्धन के गांव देवसेरस में दबिश देती पुलिस।
जासं, मथुरा। ठगी के नाम से बदनाम गोवर्धन थाना क्षेत्र के गांवों से ठगों की काल पर ऐतिहासिक गिरावट आई है। कभी जिन गांवों से प्रतिदिन शहरवासियों को ठगी के लिए करीब 50 काॅल आती थीं। 11 दिसंबर को पुलिस की दबिश के बाद वे काॅल आठ पर सिमट गईं। पुलिस की दो मुठभेड़ के बाद पूरी तरह शून्य हो गई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह उपलब्धि न सिर्फ पुलिस की आक्रामक रणनीति का प्रमाण है, बल्कि साइबर अपराधियों के मनोबल को तोड़ने की बड़ी कामयाबी भी मानी जा रही है। गोवर्धन क्षेत्र लंबे समय से साइबर ठगी के लिए बदनाम रहा है। यहां से सक्रिय साइबर ठग गिरोह बैंक अधिकारी, केवाईसी अपडेट, लाटरी, फर्जी निवेश और सरकारी योजना के नाम पर भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते थे।
रोजाना दर्जनों काॅल के जरिए लोगों की मेहनत की कमाई मिनटों में साफ कर दी जाती थी। पुलिस के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं, लेकिन ठग शातिर तरीके से बच निकलते थे। ठगी की वारदातें बढ़ने पर एसएसपी श्लोक कुमार ने खुद निगरानी की और गोपनीय जांच कराई। इसमें सामने आया कि ठगों द्वारा प्रतिदिन करीब 50 से अधिक फोन किए जा रहे थे।
11 दिसंबर को सुबह पांच बजे चार एएसपी, चार सीओ,15 थाना प्रभारी, 27 सब इंस्पेक्टर, 300 पुलिस कर्मियों, दो प्लाटून पीएसी और बम स्क्वायड टीम ने गोवर्धन थाना क्षेत्र में एक-दूसरे से सटे गांव देवसेरस, मुड़सेरस, मड़़ौरा और नगला अकातिया को एक साथ घेर लिया। पुलिस ने 37 ठगों को गिरफ्तार किया, जबकि 120 से अधिक भागने में सफल हो गए।
इस कार्रवाई के बाद ठगों के फोन आने कम हो गए। 50 का आंकड़ा आठ तक पहुंच गया। पुलिस ने दो मुठभेड़ में साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद से ठगों के गांवों से फोन आने की संख्या शून्य पहुंच गई। एसएसपी प्रतिदिन ठगों के गांवों से आने वाली काल की निगरानी कर रहे हैं।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से जिले में साइबर ठगी की वारदातों में भी गिरावट आई है। काॅल कम आने का सीधा फायदा आम जनता को मिल रहा है। लोग ठगी का शिकार होने से बच रहे हैं।
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