cy520520 Publish time 2025-12-30 03:27:58

अब घर में कुत्ता पालने का शौक है तो करना होगा यह काम, नहीं तो हो जाएगी सख्त कार्रवाई

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कुत्ता को सुरक्षित करने की है योजना।



जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्ते से निजात दिलाने को लेकर नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है। अगर आप घर में कुत्ता पालते हैं तो इसकी सूचना भी आपको नगर निगम को देनी होगी। ताकि कुत्तों की संख्या का आंकड़ा पता चल सके। इसके साथ नगर निगम प्रशासन सुविधा देने को रणनीति बना रही है। घरों के पालतू कुत्ते को दो डोज वैक्सीन प्राथमिक व बूस्टर डोज देने की व्यवस्था नगर निगम कर रही है। लोग चाहे तो निगम की चयनित एजेंसी से कुत्ते को वैक्सीन दिला सकते हैं। अगर रैबीज होगा तो एजेंसी उसे इलाज के लिए ले जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आवारा कुत्ते की पहचान के साथ ही अब पालतू कुत्तों का भी बनेगा डाटा

न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने नगर निकाय को आवारा कुत्ते के नियंत्रण को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। इसके तहत नगर निगम ने निविदा जारी करते हुए एजेंसी को आमंत्रित किया है। इसके तहत एक जनवरी तक निविदा पत्र भरने की तिथि निर्धारित हुई है। वहीं दो जनवरी को एजेंसी का चयन होगा। सोमवार को देश भर के तीन एजेंसियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इसमें हिसार, जयपुर व कोलकाता की एजेंसी ने नगर निगम कार्यालय में अपनी कार्ययोजना का प्रजेंटेशन दिखाया है।
कुत्ते को दो डोज वैक्सीन प्राथमिक व बूस्टर डोज देने की हो रही व्यवस्था

शहर में रैबीज वाले कुत्ते का बंध्याकरण किया जाएगा। ताकि रैबीज लक्षण वाले कुत्ते की आबादी को नियंत्रित किया जा सके। ऐसे कुत्ते को एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया जाएगा। पागल कुत्ते को मार दिया जाएगा। नगर निगम ने पशु जन्म नियंत्रण (एनिमल बर्थ कंट्रोल) कार्यक्रम के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं उपचार के लिए पहल की है। आवारा कुत्ते से शहरवासी को निजात मिलेगा। ऐसी अनुभवी एजेंसी का चयन किया जाएगा जो आवारा कुत्तों की वैज्ञानिक तरीके से नसबंदी, टीकाकरण एवं पोस्ट-आपरेटिव देखभाल का कार्य करेगी।

[*]आवारा कुत्ते से शहरवासी को मिलेगी निजात, निगम ने जारी की निविदा, दो को एजेंसी चयन
[*]हिसार, कोलकाता व जयपुर की एजेंसी ने दिखाई दिलचस्पी, नगर निगम दिया अपना प्रजेंटेशन



इस योजना के लागू होने से शहर में आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित होगी, साथ ही डाग बाइट की घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है। एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम पूरी तरह पशु क्रूरता निवारण अधिनियम एवं केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित किया जाएगा। इसमें नसबंदी के बाद कुत्तों की पूरी देखभाल की जाएगी और स्वस्थ होने के उपरांत उन्हें उनके क्षेत्र में ही छोड़ा जाएगा।
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