रंग लाई दैनिक जागरण की मुहिम, गाजियाबाद के महामाया स्टेडियम का हुआ जीर्णोद्धार; खिलाड़ियों को मिली सौगात
/file/upload/2025/12/1344977911352852998.webpमहामाया स्टेडियम में हाकी खेलते खिलाड़ी। जागरण आर्काइव
शाहनवाज अली, गाजियाबाद। साल 2025 खेल और खेल सुविधा व संसाधनों के नजरिये से धूप-छांव की तरह रहा। शहरी व ग्रामीण खेल प्रतिभाओं के लिए महामाया स्टेडियम में अनेकों के खेल अभ्यास व प्रशिक्षण लिए जा सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से सुविधा और संसाधनों के साथ ही प्रशिक्षक भी नियुक्त किए हैं, जहां वर्ष भर के लिए 210 रुपये का शुल्क देकर प्रशिक्षण हासिल करने की सुविधा है, लेकिन तैनात अफसरों की लापरवाही से यह परिसर किसी खेल के लायक नहीं बचा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दैनिक जागरण ने खेल और सुविधा व संसाधनों को लेकर मुहिम शुरू की, जिसका नतीजा वर्ष 2025 में देखने को मिला। शासन और खेल निदेशालय ने संज्ञान लिया और इसके नवीनीकरण के लिए साढ़े सोलह करोड़ रुपये का बजट जारी हुआ। इसमें बैडमिंटन हाल, स्वीमिंग पूल, जूडो हाल, बॉक्सिंग रिंग, कुश्ती शेड, बास्केटबॉल कोर्ट, स्विमिंग पूल, एथलेटिक ट्रैक आदि का कार्य आरंभ हुआ।
इतना ही नहीं, इस बजट से खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाएं मिले इसके लिए लगातार मानिटरिंग की। खामियां मिलने की खबर प्रकाशित की, जिसके चलते शासन ने जांच के आदेश दिए। एक कमेटी गठित हुई और उसकी देखरेख में नवीनीकरण व निर्माण कार्य जारी है।
जिले में खेलों के इतिहास में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अभी ख्वाब की तरह है। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसके निर्माण की जिम्मेदारी जीडीए को सौंपी है, लेकिन इसके भूमि पूजन के छह साल और प्रस्तावित होने के आठ साल बाद भी एक ईंट तक यहां नहीं लग सकी।
मुहिम का दिख रहा असर
[*]दैनिक जागरण की पहल के बाद महामाया स्टेडियम के नवीनीकरण ध्यान दिया गया।
[*]करीब 16 करोड़ की लागत से बैडमिंटन हाल, जूडो हाल, बाक्सिंग रिंग, कुश्ती शेड, बास्केटबाल कोर्ट और अन्य सुविधाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
[*]स्विमिंग पूल (नई फिल्ट्रेशन सिस्टम के साथ) कार्य हो रहा है।
[*]लंदन और रियो ओलंपिक माडल पर आधारित, यहां हाकी के लिए नया एस्ट्रो टर्फ, एथलीटों के लिए सिंथेटिक रनिंग ट्रैक का प्रस्ताव पास हो चुका है।
[*]खराब हो चुके क्रिकेट नेट और झुके हुए पोल को ठीक किया जा रहा है ताकि खिलाड़ी सुरक्षित अभ्यास कर सकें।
[*]अब खिलाड़ियों को दिल्ली, मेरठ या निजी अकादमियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उन्हें आधुनिक तकनीक और उच्च स्तरीय कोचिंग का लाभ मिलेगा, जिससे उनके खेल में सुधार होगा
[*]अगस्त 2026 तक सभी निर्माण और जीर्णोद्धार कार्य पूरा हो जाएगा।
इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का ख्वाब
गाजियाबाद में पिछले करीब एक दशक से क्रिकेटप्रेमियों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम ख्वाब ही रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्ष 2019 में मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के साथ भूमि पूजन कर चुके हैं।
इसके बाद वर्ष 2024 में बोर्ड आफ क्रिकेट कंट्रोल इंडिया के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास कर चुके, लेकिन उनके शिलापट के अलावा वहां कोई नई ईंट तक नहीं लगी।
मुख्यमंत्री के समक्ष फिर से स्टेडियम का मामला उठा तो उन्होंने इसकी जिम्मेदारी जीडीए को दे दी। इसमें अभी कोई काम आगे नहीं बढ़ सका।
जिले के कई खिलाड़ियों ने दुनिया भर में रोशन किया भारत का नाम
[*]समीर चौधरी ने वालीबाल वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीता
[*]कार्तिक ने कुश्ती में एशियन में स्वर्ण पदक जीता
[*]सिमरन शर्मा ने पैरालिंपिक एथलीट में कांस्य पदक
[*]दिनेश चौधरी ने पैरा एशियन एथलीट के तौर पर रजत पदक जीता
[*]काजल यादव व अंजलि यादव ने वर्ल्ड स्कूल
[*]साक्षी ने वर्ल्ड तीरंदाजी में स्वर्ण पदक
[*]रौनक नागर ने एशियन कुश्ती में स्वर्ण पदक
[*]अंजलि यादव, विद्या सिंह, कोमल मौर्य, साक्षी और संस्कृति बाना ने एशियन शूटिंग बाल में स्वर्ण पदक
[*]इरफान ने वुशु में स्वर्ण पदक
[*]कीर्ति ने एशियन जूडो चैंपियनशिप में रजत पदक
[*]हितेश गुलिया ने वर्ल्ड बाक्सिंग कप में स्वर्ण पदक
[*]आर्यन चौधरी ने वर्ल्ड पुलिस गेम्स लांग जंप में स्वर्ण, हाई जंप और ट्रिपल जंप में रजत और हर्डल रेस में कांस्य पदक जीता
[*]चिन्मय शुक्ला ने एशियन-अफ्रीकन पेसिफिक क्लासिक पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक
निजी खेल अकादमियों की भरमार, सरकारी की दरकार
निजी खेल अकादमियों की जिले भर में भरमार है। यहां कृषि भूमि पर 150 से अधिक क्रिकेट मैदान बनाकर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा कृषि भूमि पर फुटबाल, लान टेनिस व अन्य खेल गतिविधियां जारी हैं। यहां खेलने या सीखने के लिए बड़ा शुल्क चुकाना पड़ता है, जो गरीब या मध्यमवर्गीय परिवार के खिलाड़ी के लिए मुमकिन नहीं है। सरकारी खेल परिसर के नाम पर सिर्फ महामाया स्टेडियम के अलावा रईसपुर मैदान है, जहां न सुविधा, संसाधन हैं और न प्रशिक्षक।
स्टेडियम में सभी खेलों के प्रशिक्षण और खेल सुविधा व संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है। बैडमिंटन, स्वीमिंग पूल, बाक्सिंग समेत विभिन्न खेलों के लिए स्टेडियम का नवीनीकरण कार्य चल रहा है। आगामी वर्ष महामाया स्टेडियम बेहतर खेल सुविधाओ और संसाधनों के साथ नजर आएगा। कई खेलों के लिए प्रशिक्षकों के आवेदन मांगे गए हैं।
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- अभिषेक धनुक, प्रभारी जिला क्रीड़ाध
मैदान तो छोड़ दीजिए स्थानीय पार्कों की हालत दयनीय है। अगर योजना बनाकर काम किया जाए तो पार्कों में एथलेटिक ट्रैक बनाए जा सकते हैं, जहां पैदल पथ की टायल टूटी हैं उन्हें सही कराया जाए। खेल परिसर में प्रशिक्षकों की कमी हैं। बहुत से मनमर्जी से बने हैं, जो खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण नहीं दे पा रहे हैं। अच्छे कोच की नियुक्ति होनी चाहिए।
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सत्या यादव, चैयरमेन पैरा एथलेटिक एसोसिएशन गाजियाबाद
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