खोड़ा में पानी की किल्लत से मिलेगी राहत, राजनीतिक दलों ने गंगाजल लाने का किया एलान
/file/upload/2025/12/2281368857020006138.webpखोड़ा में पानी के भटकती महिला। जागरण
जागरण संवाददाता, खोड़ा। पानी की किल्लत के बीच खोड़ा में गंगाजल लाने का एलान राजनीतिक दलों ने किया। इससे लोगों को उम्मीद जगी कि गंगाजल आपूर्ति से उनकी समस्याओं का अंत होगा, लेकिन वायदे हवा में तैर गए और जमीं पर उतर नहीं सके। अब गंगाजल को लाने के लिए भागीरथ जैसे प्रयासों को शुरू करने की जरूरत दिखने लगी। ऐसे में क्षेत्र में गंगाजल और पानी की किल्लत को दूर करने की मांग लेकर संगठन बनने शुरू हो गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शुरुआत में अलग-अलग संगठनों ने आवाज उठाई और धीरे-धीरे हार मान गए। संगठनों में अब खोड़ा रेजीडेंट्स एसोसिएशन (केआरए) के अलावा आजाद समाज पार्टी के कुछ युवा नेता इस मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
केआरए के अध्यक्ष दीपक जोशी बताते हैं कि 12 अक्टूबर 2018 को एक गर्भवती महिला को पानी ढोते हुए तब इस समस्या के निस्तारण के लिए संगठन को बनाया गया।
गंगाजल को लेकर आंदोलन शुरू किए गए। आंदोलन को दिल्ली जंतर मंतर तक ले जाया गया, जहां एक दिवसीय भूख हड़ताल की गई। एसोसिएशन बड़ी संख्या में नुक्कड़ सभाएं, बैठक, जनसंपर्क अभियान चला चुकी है। इसके अलावा 5100 पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री भेजे गए।
पत्राचार एक सभासद से लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री तक किया गया। साल 2023 में 14 दिन का आमरण अनशन किया गया, इसके बाद लखनऊ में नगर विकास मंत्री से आश्वासन मिला। पांच जून 2024 में नगर पालिका का घेराव किया। इसके बाद 15 जून 2024 खोड़ा से लखनऊ साइकिल यात्रा निकाली गई। 30 मार्च 2025 साहिबाबाद विधायक कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा के कार्यालय का घेराव किया गया।
26 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री कार्यालय के घेराव की योजना थी लेकिन आइबी की टीम ने 27 घंटे इंटेरोगेशन किया। उन्होंने बताया कि इन सब आंदोलन के दौरान झूठे मुकदमों में जेल, मकान पर 22 दिन की सील जैसी कार्रवाई भी उन्होंने झेलीं। इसके अलावा कई प्रलोभन भी उनको दिए गए लेकिन गंगाजल लाने का इरादा कभी नहीं हिला।
यूपी बार्डर बंद से घबरा गया प्रशासन
खोड़ा में पानी के लिए संगठनों की बात की जाए तो आजाद समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य आफताब अली भी कई साल से इस मुहिम को चला रहे हैं। उन्होंने अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखवाए। इसके अलावा कई बार पानी के लिए धरने-प्रदर्शन भी किए गए।
करीब छह महीने पहले संगठन ने गंगाजल की मांग को लेकर यूपी बार्डर बंद करने का ऐलान किया था। इसमें चंद्रशेखर भी शामिल होने वाले थे लेकिन प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने तय कार्यक्रम वाले दिन सभी नेताओं को इस विषय में जल्द ही हल निकालने का आश्वासन दिया। संगठन से जुड़े अन्य युवा नेता भी सोशल मीडिया के जरिये गंगाजल आपूर्ति की मांग को लगातार उठाने का काम कर रहे हैं।
केआरए के साथ क्षेत्र की बड़ी आबादी है। यह समस्या कोई ऐसी नहीं है, जो पूरी न की जा सके। लोग अपने हक के लिए आवाज उठा रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे।
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- अमरचंद, उपाध्यक्ष, केआरए
प्रशासन ने जनवरी तक का समय दिया है। इसके बाद संगठन पूरी ताकत के साथ फिर लड़ाई को लड़ेगा और तब तक नहीं रुकेंगे जब तक क्षेत्र की 12 लाख की आबादी को राहत नहीं मिल जाती।
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- दीपक जोशी, अध्यक्ष, केआरए
पानी के लिए छोटे-छोटे बच्चे और महिलाओं को मशक्कत करनी पड़ती है। लोगों को मूलभूत सुविधा ही नहीं मिल पा रही है। इसके लिए पहले भी आवाज उठाई है और लगातार इस आवाज को उठाने का काम किया जाएगा।
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- आफताब अली, संस्थापक सदस्य, आजाद समाज पार्टी
लोगों को पानी के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ रहा है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक यह जानकारी है कि खोड़ा पानी की किल्लत से जूझ रहा है लेकिन हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
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- केशवराम, सलाहकार, केआरए
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