अब खुलने लगी गोगिया सिंडिकेट की परतें, फाइनेंस कंपनी चलाने वाले राम सिंह के जरिये धोखाधड़ी की रकम लगाता था ठिकाने
/file/upload/2025/12/4350359480756787675.webpबाउंसरों के साथ आरोपित राम सिंह। सौजन्य : सोशल मीडिया।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। बैंकों की नीलामी वाली प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज बना और महंगी विदेशी कारों को आधी कीमत में बेचने का झांसा देकर कई राज्य के लोगों से हजार करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने के मामले में मोहित गोगिया सिंडिकेट की परतें अब खुलनी शुरू हो गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हैरान करने वाली बात यह है कि मोहित गोगिया व राम सिंह सिंडिकेट पिछले दस साल से दिल्ली, पंजाब, नार्थ गोवा, चंडीगढ़ व मध्य प्रदेश आदि राज्यों के लोगों को गुमराह कर उनसे करोड़ों की धोखाधड़ी करता रहा, इनके खिलाफ देश भर में 16 एफआईआर भी दर्ज हुईं लेकिन किसी भी राज्य की पुलिस अबतक इस सिंडिकेट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस को मैनेज करता रहा सिंडिकेट
पैसों के बल पर यह सिंडिकेट सभी जगह पुलिस को मैनेज करता रहा। और तो और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में इस सिंडिकेट के खिलाफ करोड़ों की धोखाधड़ी की सात एफआईआर दर्ज है, लेकिन एक भी मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया। जांच अधिकारियों की मिलीभगत से गोगिया सिंडिकेट का धंधा फलता फूलता रहा। गोगिया सिंडिकेट द्वारा की गई धोखाधड़ी की रकम का ठिकाना उसका बिजनेस पार्टनर राम सिंह लगाता था।
हवाला के जरिये 109 करोड़ रुपये दुबई भिजवाया
राम सिंह का बाबा जी फाइनेंस नाम से सुभाष नगर में फाइनेंस का आफिस है। दिखावे के लिए वह हमेशा अपने साथ 15-20 बाउंसर लेकर चलता है। जांच में यह बात सामने आइ है कि मोहित ने राम सिंह के जरिये हवाला के जरिये 109 करोड़ रुपये दुबई भिजवाया था। उस पैसे से गोगिया ने दुबई में तीन प्रॉपर्टी खरीद रखी है। इसकी सूचना के बाद ईडी ने भी गोगिया सिंडिकेट के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत हाल ही में एफआईआर दर्ज की है।
जानकारी के मुताबिक भोपाल में कुछ समय पहले भोपाल पुलिस ने एक मामले में मोहित गोगिया व भरत छाबड़ा को गिरफ्तार किया था लेकिन जल्द ही शिकायतकर्ता से समझौता करने पर दोनों जमानत पर बाहर आ गए थे। उसके बाद बीते नौ दिसंबर को जिरकपुर, पंजाब पुलिस ने दोनों को एक मामले में दूसरी बार गिरफ्तार किया।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद आरोपितों ने पुलिस की मिलीभगत से शिकायतकर्ता को कुछ पैसे देकर शेष रकम के बदले दिल्ली में प्रॉपर्टी देने का वादा कर समझौता कर लिया था। दिल्ली में प्रॉपर्टी देने से मुकर जाने पर यूनिटी ग्रुप के मालिक कृष्ण अग्रवाल ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करा दी।
उसी मामले में बीते दिनों क्राइम ब्रांच ने मोहित गोगिया, भरत छाबड़ा, विशाल मल्होत्रा, सचिन गुलाटी व अभिनव पाठक को गिरफ्तार किया। राम सिंह व मोहित गोगिया की पत्नी श्वेता गोगिया को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।
पुलिस का कहना है कि यूनिटी ग्रुप के मालिक ने गोगिया पर दबाव बनाकर उसकी आठ-दस प्रॉपर्टी अपने नाम करवा लिया है। शेष पैसे की वसूली के लिए पुलिस की मिलीभगत से समझौते की डील चल रही है तभी पुलिस दोनों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। पुलिस को गोगिया के दिल्ली, हरिद्वार, जालंधर, मुबई, दुबई, मध्य प्रदेश आदि कई शहरों में प्रॉपर्टी होने का पता चला है।
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