रायबरेली को मिलेगी रिंगरोड की सौगात, नए साल में गंगा एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरेंगे वाहन
/file/upload/2025/12/5508862425782519327.webpप्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण टीम रायबरेली। जनपद के चारों ओर राष्ट्रीय राजमार्ग का जाल बिछा है। अब नए साल में लोगों को गंगा एक्सप्रेस-वे का भी लाभ मिलेगा। एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में एक्सप्रेस-वे पर वाहन दौड़ सकेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके साथ ही जनपद अब सीधे तौर पर दिल्ली से जुड़ेगा। हालांकि गांवों का आवागमन सुगम करने के प्रयास सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं, लेकिन सड़कों की मरम्मत के नाम पर पीडब्ल्यूडी सिर्फ औपचारिकताएं निभाता रहा।
हालांकि जिले के लोगों को रिंगरोड फेज टू की सौगात भी मिलेगी। सड़कों के निर्माण व रखरखाव के दृष्टिगत वर्ष 2025 औसत रहा। इस वर्ष ग्रामीण अंचल में कुछ सड़कों का निर्माण या मरम्मत होने से लोगों को राहत मिली तो कहीं पुलों के खराब होने से मार्गों पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। कई वर्षों से बदहाल या निर्माणाधीन पड़े मार्गों का कार्य पूरा न होने से भी उम्मीद पूरी नहीं हो सकी।
रायबरेली से दिल्ली तक फर्राटा भर सकेंगे वाहन
कई जनपदों को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे की जनपद के अन्तर्गत दूरी 78 किमी है। इसका लगभग 94 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। इसमें सड़क, पुल, अंडरपास का लगभग काम पूर्ण हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक एक्सप्रेस-वे पर अब संकेतक, लाइटिंग व कुछ कार्य जो शेष थे, उनको भी पूरा करा दिया गया है।
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से जनपद वासियों को काफी फायदा मिलेगा। इसके संचालित होने से जनपद के व्यापारियों समेत आमजन का दिल्ली तक का सफर सुगम हो जाएगा।
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नहीं पूरा हो सका आउटर रिंग रोड का सपना
रायबरेली-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर शहर वासियों को जाम से निजात दिलाने को लेकर आउटर रिंग रोड बनाई जा रही है। करीब सात वर्ष पूर्व हरचंदपुर के डिडौली से शहर के बाहर-बाहर अयोध्या मार्ग पर शारदा नहर से, सुलतानपुर, परशदेपुर, प्रतापगढ़ हाईवे होते हुए भदोखर के कुचरिया तक रिंग रोड फेज वन का काम आरंभ किया गया, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका है।
दूसरी ओर विभाग ने इसके दूसरे फेज का काम भी शुरू कर दिया है। भूमि अधिग्रहण के बाद निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। इससे लखनऊ, प्रयागराज या अन्य जनपदों को जाने के लिए शहर आने की जरूरत नहीं हो सकी। इसके साथ ही लोगों को जाम से निजात भी मिल सकेगी।
नए साल में शुरू होगा गेगासो पुल से आवागमन
लालगंज-फतेहपुर राजमार्ग स्थित गेगासो गंगा पुल इसी वर्ष जुलाई में क्षतिग्रस्त हो गया। पुल क्षतिग्रस्त होने पर जिला प्रशासन ने 11 जुलाई से इससे आवागमन पर रोक लगा दी। इस मार्ग पर अन्य वाहनों के साथ ही निर्माण सामग्री लाने वाले भारी वाहनों का अधिक आवागमन होता था।
पुल बंद होने से सभी छोटे बड़े वाहनों को कई किमी का चक्कर लगाकर डलमऊ या बक्सर होकर आना जाना पड़ रहा है, जिससे न सिर्फ सवारी वाहनों के किराए में बढ़ोतरी हुई, बल्कि निर्माण सामग्री के दामों में भी उछाल आया। करीब पांच माह बीत गए हैं, अब पुल की मरम्मत शुरू हुई है, लेकिन लोग इससे आवागमन नए साल में ही शुरू कर पाएंगे।
वहीं शहर स्थित गल्ला मंडी पुल के क्षतिग्रस्त होने से 19 अगस्त से इस पर आवागमन बंद कर दिया गया था। पुल बंद होने से शहर वासियों को उस ओर जाने के लिए करीब पांच किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
हालांकि जिला प्रशासन ने इसकी मरम्मत के लिए धनराशि तो स्वीकृत करा ली है, अब मरम्मत शुरू हो गई है, इससे भी लोग नए साल में ही आवागमन कर सकेंगे।
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बदहाल मार्गों पर आवागमन से परेशान लोग
जनपद से गुजरने वाले हाईवे पर तो विभागों ने इस वर्ष कार्य कराया, लेकिन वर्षों से बदहाल पड़े कई संपर्क मार्गों की स्थिति नहीं सुधर सकी। इनमें हलोर-सेमरौता मार्ग, डीह-डेला, रोखा-बिरनावां, नारायणपुर-सिरसी संपर्क मार्ग समेत कई सड़कों की इस बार भी मरम्मत नहीं हो पाई। ग्रामीण अंचल से जुड़ी इन सड़कों पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है, लेकिन सड़क होने के चलते लोगाें को आवागमन में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा एक्सप्रेसवेे का निर्माण पूरा हो गया है। संकेतक, लाइटिंग का काम भी करा लिया गया है, जो भी काम शेष हैं, उसे 15 जनवरी तक पूरा करा लिया जाएगा।
डॉ. अनिल पुनिया, प्रशासनिक अधिकारी सेमइंडिया
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