धनबाद में व्यवसायी का आधार-पैन का क्लोन बनाकर करोड़ों का लोन, बैंक कर्मियों की नाक के नीचे कैसे हुआ घोटाला?
/file/upload/2025/12/6076353817021335790.webpधनबाद में करोड़ों का साइबर फ्रॉड। फाइल फोटो
सुशील कुमार चौरसिया, कतरास (धनबाद)। डिजिटल इंडिया के चमकते दावों के बीच पहचान की चोरी का एक ऐसा खौफनाक सच सामने आया है, जिसने बैंकिंग सुरक्षा तंत्र की धज्जियां उड़ा दी हैं। राजगंज के मेराकुल्ही निवासी व्यवसायी चन्द्र प्रकाश शर्मा की बिना जानकारी के जमशेदपुर में उनके नाम पर करोड़ों की वित्तीय बिसात बिछाई गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शातिर अपराधियों ने व्यवसायी के आधार और पैन कार्ड में उनकी असली तस्वीर हटाकर अपनी फोटो चस्पा कर दी और इसी \“क्लोन आईडी\“ के सहारे विभिन्न बैंकों से लाखों का लोन डकार लिया।
हैरान करने वाली बात यह है कि यह पूरी \“वित्तीय डकैती\“ बैंक कर्मियों की नाक के नीचे होती रही और किसी ने सुध तक नहीं ली। इसकी जानकारी पीड़ित को तब हुई ज़ब लोन की ईएमआई के लिए व्यवसायी के नंबर पर फोन आना शुरू हुआ, तब व्यवसायी ने अपने सिबिल की जांच करवाई तो परत दर परत धोखा धड़ी का खुलासा हुआ।
KYC -नॉ योर कस्टमर बना नॉ योर कमीशन
इस महाधोखाधड़ी में सबसे बड़ा सवाल उन फाइनेंस कंपनियों के कर्मियों पर खड़ा होता है जिन्होंने लोन मंजूर किया। नियमानुसार, किसी भी लोन से पहले भौतिक सत्यापन अनिवार्य है।
आशंका है कि \“टारगेट\“ पूरा करने और मोटे \“कमीशन\“ के चक्कर में बैंक कर्मियों के लिए केवाईसी (नॉ योर कस्टमर) अब नॉ योर कमीशन बन गया है। उन्होंने जानबूझकर फोटो की हेराफेरी को नजरअंदाज किया और बिना सही जांच के करोड़ों के लोन की रेवड़ियां बांट दीं।
आंकड़ों में धोखाधड़ी, करोड़ों की मची है \“लूट\“ : जालसाजों ने व्यवसायी के दस्तावेजों का उपयोग कर जमशेदपुर के सिद्धार्थ अपार्टमेंट (मकान संख्या 3D, हळूडबानी) के फर्जी पते पर ये लोन लें लिए :
[*]चोला इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड से 27 मार्च 2024 को 14,66,985 रूपये का भारी-भरकम कमर्शियल लोन से वाहन संख्या जेएच 05 डीएस 2433 लिया।
[*]इंडोस्टार से 27 फरवरी 2024 को 5,50,000 रूपये का कमर्शियल वाहन लोन।
[*]पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड से 31 मई 2024 को 4,89,431 रूपये का बलेनो कार संख्या जेएच 05 सीबी 3645 के लिए लोन लिया।
[*]एलएंडटी फाइनेंस से 05 फरवरी 2024 को 84,371 रूपये का बाइक लोन।
क्रेडिट रिपोर्ट से हुआ खुलासा, 7 अन्य संस्थानों में भी सेंधमारी की कोशिश
पीड़ित की क्रेडिट रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि जालसाजों ने फरवरी 2024 से सितंबर 2024 के बीच इन संस्थानों में भी लोन के लिए हाथ मारा था जिसमें आरबीएल बैंक लिमिटेड (क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन), इंडिफी, इंक्रेड/इंडोस्टार में (बिजनेस लोन प्रयास), होम क्रेडिट (पर्सनल लोन हेतु आवेदन), अकाराकैप, स्टैशफिन (पर्सनल लोन हेतु प्रयास), हीरो फिनकॉर्प (वाहन लोन संपर्क), एम-पॉकेट (छोटा लोन प्रयास), महिंद्रा फाइनेंस से (कमर्शियल लोन लेने की कोशिश) की लेकिन कइयों में सफलता हाथ नहीं लगी।
पुलिस के पास सुराग, फिर भी अपराधी दूर : इस मामले में अगर पुलिस चाहे तो गाड़ियों के नंबरों और जमशेदपुर के पते के जरिए तुरंत अपराधियों तक पहुंच सकती है, लेकिन अब तक की कार्रवाई केवल कागजों तक ही सीमित दिख रही है।
बड़ा सवाल, \“पहचान\“ की हत्या का जिम्मेदार कौन?, डिजिटल वेरिफिकेशन का फेल होना : जब फोटो बदली गई, तो बैंकों के फेस-मैचिंग सॉफ्टवेयर ने सिग्नल क्यों नहीं दिया?
फर्जी पते का रहस्य : क्या जमशेदपुर का \“सिद्धार्थ अपार्टमेंट\“ अपराधियों का सेफ हाउस है? वहां के गार्ड या स्थानीय लोगों से वेरिफिकेशन क्यों नहीं हुआ?
भविष्य पर खतरा: जो गाड़ियां जालसाजों ने उठाई हैं, यदि उनसे कोई बड़ी वारदात होती है, तो पुलिस सीधे निर्दोष चन्द्र प्रकाश शर्मा को पकड़ेगी। यह सिर्फ पैसों की नहीं, बल्कि \“अस्तित्व\“ की चोरी है।
सिबिल तबाह, स्वजन के सामने सामाजिक संकट
इस सुनियोजित जालसाजी के कारण व्यवसायी का वर्षों से बना-बनाया सिबिल रिकॉर्ड मिट्टी में मिल गया है। अब न तो वे अपने व्यापार के लिए नया लोन ले सकते हैं और न ही कोई काम शुरू कर सकते हैं। लोन वसूली के लिए आ रहे धमकी भरे फोन और नोटिसों ने चन्द्र प्रकाश शर्मा और उनके स्वजन को मानसिक तनाव में डाल दिया है।
पीड़ित ने राजगंज थाना प्रभारी को आवेदन देकर जमशेदपुर स्थित उस फर्जी पते और संलिप्त बैंक कर्मियों की जांच कर गिरफ्तारी की मांग की है।
यह मेरी पहचान की हत्या है। किसी अपराधी ने मेरी आईडी पर फोटो बदलकर बैंकों को चूना लगाया और बैंक कर्मियों ने उसे बढ़ावा दिया। मेरा पूरा व्यापार और सामाजिक प्रतिष्ठा दांव पर है। -चन्द्र प्रकाश शर्मा, पीड़ित व्यवसायी, राजगंज
मामले की जानकारी मिली है, पुलिस जांच कर रही है। -अलीशा कुमारी, राजगंज थानेदार
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