यूपी में आठ सालों में कारखानों की संख्या हुई दोगुनी, डिजिटल हुआ श्रम न्याय
/file/upload/2025/12/4263319520550362.webpडिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लिए वर्ष 2025 औद्योगिक विस्तार, श्रमिक सुरक्षा और रोजगार के नए कीर्तिमान स्थापित करने वाला वर्ष सिद्ध हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के \“मिशन शक्ति\“ और \“वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी\“ के संकल्प को गति देते हुए श्रम विभाग ने इस वर्ष अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। केंद्र सरकार की चार नई श्रम संहिताओं (Labor Codes) के सफल क्रियान्वयन से लेकर डिजिटल गवर्नेंस तक, उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में श्रमिक कल्याण का एक मानक स्थापित किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
श्रम न्याय सेतु: डिजिटल क्रांति को मिला राष्ट्रीय सम्मान
इस वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि ‘श्रम न्याय सेतु’ (लेबर ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म) रही, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री ने 26 अगस्त 2025 को किया। इस पोर्टल ने श्रम संबंधी विवादों को पेपरलेस और पारदर्शी बनाकर न्याय की प्रक्रिया को गति दी है। इसकी सफलता का प्रमाण यह है कि उत्तर प्रदेश को 19वें नेशनल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड्स में \“पेपरलेस गवर्नेंस चैंपियन\“ के खिताब से नवाजा गया।
औद्योगिक छलांग: 8 वर्षों में दोगुने हुए कारखाने
प्रदेश में निवेश अनुकूल माहौल का परिणाम है कि पिछले आठ वर्षों की तुलना में 2025 तक पंजीकृत कारखानों की संख्या दोगुने से भी अधिक हो गई है। यह वृद्धि न केवल राज्य की आर्थिक मजबूती को दर्शाती है, बल्कि प्रत्यक्ष रूप से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोल रही है। महिला श्रमिकों के लिए कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाने और उन्हें समान अवसर देने की दिशा में भी विशेष नीतिगत सुधार लागू किए गए।
रोजगार महाकुंभ: यूपी के युवाओं का विदेशों में भी बजा डंका
उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन ने इस वर्ष स्थानीय सीमाओं को लांघकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
रोजगार महाकुंभ 2025: लखनऊ में आयोजित इस विशाल मेले में 16,000 से अधिक युवाओं को मौके पर ही नियुक्तियां मिलीं।
विदेशी अवसर: रोजगार संगम पोर्टल को विदेश मंत्रालय (MEA) की एजेंसियों से जोड़कर 1,600 से अधिक युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए चुना गया।
इंटरनेशनल मोबिलिटी कॉन्क्लेव: वाराणसी में आयोजित इस कार्यक्रम ने वैश्विक रिक्रूटमेंट एजेंसियों के साथ यूपी के युवाओं के लिए एक सुरक्षित \“ग्लोबल रोडमैप\“ तैयार किया।
AAA+ App और डिजिटल हेल्थ: श्रमिकों को मिली \“आरोग्य शक्ति\“
श्रमिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए \“आरोग्य मंथन 2025\“ के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का पूरी तरह डिजिटलीकरण कर दिया गया है।
AAA+ App: इस मोबाइल ऐप के जरिए अब बीमित श्रमिक घर बैठे डॉक्टर का अपॉइंटमेंट ले सकते हैं और दवाओं की डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट: निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों के लिए \“ऑनसाइट\“ मुफ्त जांच की सुविधा शुरू की गई, जिससे पहले चरण में 10,000 श्रमिकों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
अटल आवासीय विद्यालय: 360 डिग्री मॉनिटरिंग से शिक्षा की नई लौ
निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए संचालित 18 अटल आवासीय विद्यालयों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने 360 डिग्री लाइव मॉनिटरिंग कमांड सेंटर का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, श्रमिकों के कौशल विकास के लिए RPL (Recognition of Prior Learning) प्रशिक्षण और कन्या विवाह सहायता योजना के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर ₹85,000 तक किया गया, जो सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Pages:
[1]