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अनुसूचित जाति-जनजाति के पीड़ितों की मदद तेज, 2025 में 769 मामले दर्ज; 954 पीड़ितों को 6.96 करोड़ मुआवजा

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अनुसूचित जाति-जनजाति के पीड़ितों की मदद तेज



जागरण संवाददाता, पटना। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यरत जिला सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक हुई।

इसमें जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 2025 में अब तक एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 769 मामले दर्ज किए गए और 954 पीड़ितों को 6 करोड़ 96 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा दिया गया। 2024 में 802 पीड़ितों को 5.98 करोड़ का मुआवजा दिया गया था। वर्तमान में 134 लाभार्थियों को नियमित पेंशन दी जा रही है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राहत अनुदान, पेंशन, यात्रा भत्ता व अन्य सुविधाएं शीघ्र देने का आदेश

डीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विरुद्ध अत्याचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अत्याचार के पूर्ण निवारण व पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने को प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए अधिकारियों को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ ऐसे मामलों का निष्पादन करने को कहा।

डीएम ने लंबित मामलों के त्वरित अनुसंधान, समयबद्ध आरोप पत्र दाखिल करने, राहत अनुदान, पेंशन, यात्रा भत्ता व अन्य सुविधाएं शीघ्र देने का आदेश दिया।
शिविरों का आयोजन कर विभिन्न योजनाओं का लाभ

उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत 11 पात्र आश्रितों को समूह में सरकारी नौकरी देकर उन्हें घर के आसपास नियुक्ति दी गई है। आगे भी ऐसे मामलों का त्वरित निष्पादन किया जाएगा। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति भूमिहीन परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई जाती है।

उन्होंने थानों, अंचल कार्यालयों व सार्वजनिक स्थलों पर अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार, महादलित टोलों में शिविरों का आयोजन कर विभिन्न योजनाओं का लाभ देने की बात कही।

उन्होंने कहा कि अत्याचार से संबंधित किसी भी सूचना पर डायल 112 या जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित किया जा सकता है। बैठक के बाद मैनुअल स्कैवेंजर निषेध एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत हुई बैठक में अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।
राशन कार्ड के मामलों का त्वरित निष्पादन का आदेश

इस क्रम में सभी एसडीओ को नए राशन कार्ड के मामलों का त्वरित निष्पादन, वितरण व नियमित तौर पर इन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

इसके अलावा मुख्यमंत्री कबीर अंत्येष्टि योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान समेत सभी लोक-कल्याणकारी योजनाओं के तकनीकी पहलुओं, प्रविधानों, लाभ आदि के बारे में कार्यशाला आयोजित करने को कहा ताकि पात्र लाभुकों को ससमय इनका फायदा मिल सके। सिविल सर्जन को हर मंगलवार को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दिव्यांगजन (यूडीआईडी) कार्ड निर्गत करने के लिए कैंप लगाने का निर्देश दिया गया।
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