क्या आप भी किचन में रखते हैं डस्टबिन, कहीं अनजाने में नेगेटिविटी को तो नहीं दे रहे बुलावा?
/file/upload/2025/12/2680355029609506656.webpDustbin Direction as Per Vastu (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सहूलियत के लिए कुछ लोग किचन में कूड़ेदान रखते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में इसके लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है। वरना किचन और घर में नेगेटिव एनर्जी बढ़ने लगती है, जो आपके लिए कई तरह की तरह की समस्याएं खड़ी कर सकती है। चलिए जानते हैं इस बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किचन में डस्टबिन रखें या नहीं
वास्तु की दृष्टि से घर की रसोई में कूड़ेदान रखना बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता। ऐसा करने से घर में नेगेटिव एनर्जी को बढ़ावा मिलता है और जीवन में कई तरह की समस्याएं बढ़ सकती हैं। साथ ही यह भी मान्यता है कि इससे आपको मां अन्नपूर्णा की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
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कहां रखें कूड़ेदान
डस्टबिन को रखने के लिए वास्तु शास्त्र में घर की दक्षिण या फिर दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) के बीच के कोने या स्थान को उचित माना गया है। दक्षिण सबसे उत्तम दिशा है. क्योंकि इस दिशा से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकलती है, इसलिए इस दिशा में डस्टबिन रखना सही होगा।
ये गलती पड़ सकती है भारी
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भूल से भी कभी घर की उत्तर दिशा में डस्टबिन नहीं रखना चाहिए। वास्तु में माना गया है कि अगर आप इस दिशा में कूड़ेदान को रखते हैं, तो इससे आपको दरिद्रता, लड़ाई-झगड़े और नकारात्मक ऊर्जा आदि का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही कभी भी मंदिर के नीचे डस्टबिन नहीं रखना चाहिए, वरना इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं।
जरूर रखें इन बातों का ध्यान
घर में रखने के लिए ऐसे डस्टबिन का चुनाव करें, जो ढका हुआ हो। इसे नियमित रूप से खाली करें और साफ रखें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा न बढ़े। इन सभी बातों का ध्यान रखने पर आप नेगेटिविटी से बचे रहते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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