लखनऊ के 4.25 लाख मतदाताओं पर होगा BLO का फोकस, वोटर लिस्ट में नाम जुड़ने को लेकर एक और अपडेट
/file/upload/2025/12/7171765756625017687.webpजागरण संवाददाता, लखनऊ। विशेष सघन पुनरीक्षण के बाद ऐसे सवा चार लाख वोटरों की मैपिंग पर जोर होगा जिनके फार्म तो हैं लेकिन 2003 की सूची में उनका नाम नहीं है। छह जनवरी को मतदाता सूची के अनतिम प्रकाशन के बाद अब बीएलओ का फोकस ऐसे ही मतदाताओं पर होगा। दरअसल शहरी विधानसभा की पांच में किसी भी सीट पर डिजिटाइजेशन 70 प्रतिशत भी नहीं पहुंचा है जिसका यह एक बड़ा कारण है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चार नवंबर से शुरू हुआ विशेष सघन पुनरीक्षण 26 दिसंबर तक चला। इस दौरान आयोग ने दो बार तिथियां आगे बढ़ाईं। लखनऊ में सवा पांच लाख विस्थापित और सवा चार लाख लापता वोटर पाए गए। इसके अलावा डुप्लीकेट और मृतक वोटरों की संख्या भी दो लाख के ऊपर पहुंच गई।
इस तरह लखनऊ में एसआइआर के बाद 69.85 प्रतिशत फार्मों का डिजिटाइजेशन पूरा हो पाया। शहरी विधानसभा क्षेत्रों कैंट, मध्य, उत्तर, पूर्व और मध्य में काफी कम संख्या में डिजिटाइजेशन हो पाया। ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति बेहतर है लेकिन शहरी इलाकों में मतदाताओं का रुख एसआइआर को लेकर काफी उदासीन रहा।
निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि जो वोटर लापता है उनकी मैपिंग पर पर फोकस रहेगा ताकि अधिक से अधिक वोटरों को जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए बीएलओ को खास निर्देश तो दिए ही गए हैं और भी अधिकारियों को लगाया जा रहा है।छह को सूची के प्रकाशन के बाद करीब एक माह का समय रहेगा और इस दौरान जिनकी मैपिंग हो गई उनका नाम सूची से जुड़ जाएगा।
एसआइआर के बाद मतदाता
[*]मलिहाबाद - 82.54 प्रतिशत
[*]बीकेटी -77.66 प्रतिशत
[*]सरोजनीनगर- 68.44 प्रतिशत
[*]पश्चिम - 69.80 प्रतिशत
[*]उत्तर - 61.46 प्रतिशत
[*]पूर्व - 62.99 प्रतिशत
[*]मध्य - 65.25 प्रतिशत
[*]कैंट - 60.75 प्रतिशत
[*]मोहनलालगंज- 82.99 प्रतिशत
कुल 69.85 प्रतिशत
एसआइआर से पहले मतदाता सूची
[*]मलिहाबाद - 367187
[*]बीकेटी -491575
[*]सरोजनीनगर- 596028
[*]पश्चिम - 465982
[*]उत्तर - 493697
[*]पूर्व - 460031
[*]मध्य - 370656
[*]कैंट - 364334
[*]मोहनलालगंज- 357859
कुल 3967349
हटे वोटर
[*]मृतक : 1.27 लाख
[*]विस्थापित : 5.32 लाख
[*]लापता : 4.28 लाख
[*]डुप्लीकेट : 50 हजार
[*]अन्य : 60 हजार
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