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भागलपुर में अधूरी पड़ी विकास योजनाएं, अब पूरा होने की जगी आस

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प्रमंडलीय आयुक्त



जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर के विकास को नई दिशा देने वाली कई महत्वाकांक्षी योजनाएं आज भी अधूरी हैं। ये वही योजनाएं हैं, जिनकी नींव नगर आयुक्त के रूप में अवनीश कुमार सिंह के कार्यकाल में रखी गई थी। समय, प्रशासनिक बदलाव और तकनीकी अड़चनों के कारण ये परियोजनाएं पूरी नहीं हो सकीं, लेकिन अब प्रमंडलीय आयुक्त के रूप में उनकी तैनाती से इन योजनाओं के पूरा होने की उम्मीद फिर से जगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भैरवा तालाब का सुंदरीकरण

भैरवा तालाब का सुंदरीकरण शहर की प्रमुख अधूरी परियोजनाओं में शामिल है। अमृत मिशन के तहत दो करोड़ रुपये की स्वीकृति के बाद इसे स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया था। प्रारंभिक कार्य के बावजूद योजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है। तालाब के सौंदर्यीकरण और जल संरक्षण से जुड़े इस प्रोजेक्ट के अधूरे रहने से आसपास के इलाकों के लोग असुविधा झेल रहे हैं।
अटकी हुई जलापूर्ति योजना

इसी तरह शहर की निर्बाध जलापूर्ति योजना भी वर्षों से अटकी हुई है। योजना को मंजूरी तो मिली, लेकिन गंगा चैनल से पानी भंडारण के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण इसे अमल में नहीं लाया जा सका। इसके चलते गर्मी के मौसम में कई इलाकों में पेयजल संकट बना रहता है। शहरवासियों को उम्मीद है कि इस मूल बाधा को दूर कर योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
स्मार्ट सिटी परियोजनाएं भी अधूरी

स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्वीकृत करीब 980 करोड़ रुपये की कई परियोजनाएं भी अभी अधूरी हैं। सड़क, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रैफिक प्रबंधन और डिजिटल सुविधाओं से जुड़े कई कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। योजना के तहत लगाए गए कुछ सीसीटीवी कैमरे, एलईडी डिस्प्ले और अन्य सुविधाओं का पूर्ण उपयोग अब तक नहीं हो पा रहा है।
अन्य समस्याएं

नगर निगम क्षेत्र में हाईमास्ट लाइट और स्ट्रीट लाइट से जुड़ी व्यवस्था भी पूरी तरह सुदृढ़ नहीं हो सकी है। कुछ स्थानों पर हाईमास्ट लाइट लगने के बावजूद नियमित संचालन और रखरखाव की समस्या बनी हुई है। इसके अलावा, शहर के कई चौराहों पर प्रस्तावित सौंदर्यीकरण कार्य भी अधूरे पड़े हैं।
शहरवासियों की उम्मीदें

शहरवासियों का मानना है कि जिन योजनाओं की रूपरेखा और स्वीकृति अवनीश कुमार सिंह के कार्यकाल में हुई थी, वे उनकी प्रशासनिक समझ और अनुभव से ही पूरी हो सकती हैं। प्रमंडलीय आयुक्त के रूप में उनके पास अब नीतिगत और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर निर्णय लेने की क्षमता है। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि वर्षों से अटकी योजनाएं अब गति पकड़ेंगी और शहर का विकास अधूरे सपनों से आगे बढ़ेगा।
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