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Paush Purnima 2026: जाग उठेगी सोई हुई किस्मत, पौष पूर्णिमा पर जरूर करें श्रीसूक्त का पाठ

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Paush Purnima 2026 मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पौष पूर्णिमा को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। इस बार पौष माह की पूर्णिमा (Paush Purnima 2025) शनिवार, 3 जनवरी को मनाई जाएगी। वहीं पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है। इस दिन पर आप लक्ष्मी जी की पूजा के दौरान श्री सूक्त का पाठ करके विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
श्री सूक्त पाठ (Shri Sukt Path lyrics)

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।

तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।

अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।

श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।

कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।

पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।

तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।

आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।

तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।

उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।

प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।

क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।

अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।

ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।

पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।

कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।

श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।

आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।

नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।

आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।

य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।

सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।

।। इति समाप्ति ।।

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(AI Generated Image)
मां लक्ष्मी के मंत्र (Laxmi Mantra)

1. श्री लक्ष्मी बीज मंत्र - ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

2. श्री लक्ष्मी महामंत्र - ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

3. लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र -

नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।

4. श्री लक्ष्मी गायत्री मंत्र -

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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