यूपी में मिलेगा कैंसर का मुफ्त इलाज, डायलिसिस यूनिट की बढ़ेगी संख्या; MRI जांच की जल्द मिलेगी सुविधा
/file/upload/2026/01/5610830026728195858.webpसांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित कुमार घोष ने जिला स्तरीय अस्पतालों में सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) मोड पर कैंसर इकाइयां खोले जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में निश्शुल्क कैंसर के इलाज की सुविधा नहीं हैं, वहां के लिए जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाई जाए। निश्शुल्क डायलिसिस सेवाओं की तरह ही पीपीपी मोड में कैंसर के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। वह बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यालय में लखनऊ व बरेली मंडल की स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अमित कुमार घोष ने कहा कि आम जन तक निश्शुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्धता कराने के लिए पूरे प्रदेश मे इन इकाईयों को बढ़ाया जाए। एमआरआइ जांच की सुविधा देने के लिए प्रत्येक जिले में मांग के अनुरूप सेवाओं की उपलब्धता पर रिपोर्ट तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि क्रिटिकल केयर यूनिट और वेंटीलेटर के अधिक से अधिक उपयोग के लिए मानव संसाधन को प्रशिक्षित करके और अधिक दक्ष बनाया जाए। चिकित्सा इकाईयों में बिना रुकावट आक्सीजन आपूर्ति, स्वच्छ पेयजल, निर्धारित मानक के अनुसार मरीजों के बेड के लिए साफ चादर भी उपलब्ध कराई जाएं। एनएचएम निदेशक डा़ पिंकी जोवल ने बताया कि समीक्षा से पहले 26 से 28 दिसंबर तक लखनऊ व बरेली मंडल की 2,947 स्वास्थ्य इकाईयों का स्थलीय निरीक्षण किया गया था। लाभार्थियों से भी बातचीत की गई थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का सशक्त माध्यम बनाया जाए। जिससे आम जनता को घर के निकट स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने स्वास्थ्य उप केंद्रों पर मानव संसाधन की शत-प्रतिशत उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त लखनऊ विजय विश्वास पंत भी मौजूद थे।
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