हजारीबाग जेपी कारा से 3 कैदी JP नारायण स्टाइल में फरार, सोने की चादरें जोड़कर बनाई रस्सी
/file/upload/2026/01/7662578774177236024.webpसांकेतिक तस्वीर
संवाद सहयोगी, हजारीबाग। जेपी कारा में पिछले नौ माह से बंद देवा भुईंया और तीन माह से बंद जितेंद्र रवानी और राहुल पंजवार एक हीं बैरक छह नंबर में बंद थे। तीनों पोस्को के आरोपित है और शायद एक हीं जिला के होने के कारण दोस्ती हो गई थी। भागने के लिए तीनों ने उस चादर का उपयोग किया, जिसका उपयोग वे सोने के लिए चादर के रुप में करते थे। तीन चादरों को आपस में जोड़ कर रस्सी का रुप दिया और आराम से दीवार फांद कर भाग गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी तरह का उपयोग गुलाम भारत मे जय प्रकाश नारायण ने किया था, जब वे धोती की सहारे दीपावली की स्याह रात फरार हो गए थे। सुबह जब जांच प्रारंभ हुआ तो बैरक से तीन चादरें भी गायब पाई गई। सफेद रंग के इन चादरों को जब गायब पाया गया तो फिर जेल के चारों ओर दीवार की जांच की गई। इसके बाद गुमटी नंबर चार व पांच के बीच दीवार पर फेसिंग के सहारे एक कपड़ा लटकता मिला। इससे इस बात की पुष्टि हो गई कि कैदी भागने के लिए गुमटी नंबर चार और पांच के बीच के रास्ते का उपयोग किया।
वो कौन जिसने पूरी भौगौलिक जानकारी उपलब्ध कराई, फिर एक साथ रच दिया सफल साजिश
अब तक के जांच में जेपी कारा के अंदर से किसी तीसरे का साथ होने का प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन बाहर की पुरी जानकारी वो भी उस क्षेत्र की जिधर कोई सामान्य व्यक्ति नहीं जाता। जेल में बंद इन कैदियों को किसने उपलब्ध कराई यह जांच का विषय है। रात के अंधेरे में भागने के लिए उस मजबूत फेसिंग का उपयोग किया, जिसमें सर्पोटर रॉड लगे थे और वह कैदियों का भार सह लेता। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि कैदियों ने सूचना मिलने के बाद उस स्थान की रेकी की और फिर सीधा रॉड काटने के बाद फरार हो गए।
जेपी कारा से नौसिखुआ अपराधियों का भागना प्रयोग या संयोग, बंद है कई दुर्दांत अपराधी, आतंकवादी
जेपी कारा के दीवार फांद कर भाग जाना कोई सामान्य घटना नहीं है। जिसके उपर 25 फीट उंची दीवार फांद कर भागने का आरोप है,वह पेशेवर अपराधी नहीं है और पोस्को जैसे मामलों में जेपी कारा में सजा पाने के बाद आए थे। उन्हें जेल की भौगौलिक स्थिति की भी जानकारी नहीं हो सकती, क्योंकि हर बंदी को एक दूसरे के क्षेत्र में आने जाने की अनुमति नहीं होती। ऐसे में पूरे दिन बुधवार को यह विषय चर्चा मेें रहा कि जिस जेल में बड़े बड़े आपराधिक गिरोह के लोग और दुर्दांत माओवादी, आतंकवादी बंद है, उस जेल मेें नौसिखुआ को भाग जाना संयोग है या कोई प्रयोग ।
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