ईडी ने देहरादून में सरकारी जमीन घोटाले में 2. ...
देहरादून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के देहरादून उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने 1 अक्टूबर को सुधीर विंडलास और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत एक कार्रवाई की।
इस कार्रवाई में लगभग 2.20 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया। यह संपत्ति गोपाल गोयनका के नाम पर दर्ज है।
यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), देहरादून द्वारा दर्ज की गई विभिन्न प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर की गई जांच के बाद हुई। सीबीआई की प्राथमिकी में सरकारी जमीन पर अन्य व्यक्तियों द्वारा सरकारी राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जे और अतिक्रमण के गंभीर आरोप हैं।
ईडी की जांच से पता चला कि गोपाल गोयनका और उसके अन्य सहयोगियों ने देहरादून के जोहरी गांव में सरकारी जमीन लगभग 2 हेक्टेयर की धोखाधड़ी से बिक्री की। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की, जिनमें जिल्द, खतौनी और खसरा दस्तावेजों में बदलाव किए गए। जमीन के वास्तविक क्षेत्रफल को रिकॉर्ड में गलत तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, जिससे यह बिक्री संभव हो सकी।
इस जांच से यह भी सामने आया कि गोपाल गोयनका ने इस अवैध तरीके से बेची गई सरकारी जमीन से गैरकानूनी तरीके से भारी धनराशि अर्जित की है। इस धनराशि का उपयोग और भी अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा मामला सामने आया है।
ईडी ने इस मामले में 1 अक्टूबर को पीएमएलए की धारा के तहत उक्त अचल संपत्तियों को कुर्क कर लिया। अभी जांच जारी है और आगे भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
प्रवर्तन निदेशालय ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के लिए वह लगातार सतर्क है। साथ ही, जनता से भी अपील की गई है कि वे इस प्रकार की गड़बड़ी की सूचना अधिकारियों को दें ताकि देश की सरकारी संपत्ति की रक्षा की जा सके।
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Deshbandhu
ED raidUttarakhandEnforcement Directoratelaw and order
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