सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमला, 3 की मौत (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की हत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सीरिया के गृह मंत्रालय ने बताया कि जिन हमलावर ने तीन अमेरिकियों की जान ली, वह खुद सीरिया की सुरक्षा एजेंसी का सदस्य था। उसे कट्टरपंथी विचारों के कारण नौकरी से निकालने की तैयारी चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही उसने हमला कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस हमले में दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक दुभाषिया (इंटरप्रेटर) की मौत हो गई। घटना शनिवार को मध्य सीरिया के पाल्मायरा इलाके में हुई। सीरियाई सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया है, जबकि अमेरिका ने कहा कि हमला इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक आतंकी ने किया था, जिसे बाद में मार गिराया गया।
सीरिया के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूरुद्दीन अल-बाबा ने कहा कि हमलावर के अतिवादी इस्लामी विचार सामने आने के बाद उसे रविवार को सुरक्षा बल से हटाने का फैसला लिया गया था।
11 सदस्य हिरासत में
सीरियाई सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, हमले के बाद सुरक्षा बलों के 11 सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। बताया गया कि हमलावर पिछले 10 महीनों से सुरक्षा बल में था और उसे कई शहरों में तैनात किया गया था, बाद में उसे पाल्मायरा भेजा गया।
पाल्मायरा वही इलाका है जहां यूनेस्को की ऐतिहासिक धरोहरें हैं और जो कभी इस्लामिक स्टेट के कब्जे में रह चुका है। यह घटना दिसंबर में बशर अल-असद की सत्ता गिरने के बाद पहली ऐसी घटना है, जिसने सीरिया-अमेरिका संबंधों को फिर से तनाव में डाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने हमले के बाद कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बैठक के दौरान हुई फायरिंग
सीरियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हमले से पहले अमेरिकी सैनिक अल-तनफ सैन्य अड्डे से पाल्मायरा पहुंचे थे। एक संयुक्त अमेरिकी-सीरियाई दल ने पहले पाल्मायरा शहर का दौरा किया और फिर टी-4 एयरबेस गया।
सीरियाई सैन्य अधिकारी ने बताया कि फायरिंग उस समय हुई जब सीरियाई और अमेरिकी अधिकारियों के बीच बैठक चल रही थी। हालांकि पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा कि हमला ऐसे इलाके में हुआ, जो सीरियाई राष्ट्रपति के नियंत्रण में नहीं है। हमले के बाद सीरिया ने होम्स प्रांत में ISIS के ठिकानों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। इस हमले में सीरिया के दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।
पहले से चेतावनी थी, नहीं मानी गई- सीरिया
सीरिया के गृह मंत्रालय ने दावा किया कि रेगिस्तानी इलाके में ISIS की घुसपैठ को लेकर पहले ही चेतावनी दी गई थी। लेकिन अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बलों ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया।
गौरतलब है कि ISIS भले ही 2019 में हार चुका हो, लेकिन उसके लड़ाके अब भी सीरिया के रेगिस्तानी इलाकों में सक्रिय हैं। पिछले महीने ही सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा की अमेरिका यात्रा के दौरान सीरिया औपचारिक रूप से ISIS विरोधी वैश्विक गठबंधन में शामिल हुआ था।
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