कटिहार में बढ़ा प्रदूषण। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, कटिहार। जिले की हवा अब सेहत के लिए खतरा बनने लगी है। शनिवार को जिले के अधिकांश प्रखंडों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 190 के पार कर गया, जबकि सिर्फ मनिहारी में यह 183 रहा। विशेषज्ञों के अनुसार 100 से अधिक एक्यूआई बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों के लिए संवेदनशील माना जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इधर, तापमान में गिरावट के साथ ही कोहरे का असर भी बढ़ गया है। सुबह और देर शाम कोहरे की चादर जमीन पर बिछने लगी है, जिससे दृश्यता कम हो रही है। ऐसे में वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
फलका के पोठिया की हवा सबसे अधिक प्रदूषित
द वेदर चैनल के अनुसार शनिवार को जिले में सबसे अधिक प्रदूषण फलका प्रखंड के पोठिया क्षेत्र में दर्ज किया गया। यहां एक्यूआई 204 रहा। वहीं फलका का एक्यूआई 201 और कोढ़ा का 200 पाया गया, जो खराब श्रेणी में आता है।
सावधानी बरतने का समय
ठंड, कनकनी और बढ़ते प्रदूषण स्तर ने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दे दी है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, दमा, ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों के साथ-साथ बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
चिकित्सक डा. प्रेम रंजन के अनुसार ठंड से बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है। धूप निकलने के बाद ही मार्निंग वाक पर जाएं। गुनगुना पानी पिएं और गुनगुने पानी से ही स्नान करें। घर का बना भोजन करें, फास्ट फूड से पूरी तरह परहेज करें।
जो दवाएं चल रही हैं, उन्हें बिना चिकित्सकीय सलाह बंद न करें। बाहर निकलते समय पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढंकें। सर्दी-जुकाम या सांस संबंधी परेशानी होने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
कटिहार में वायु गुणवत्ता की स्थिति
स्थान एक्यूआइ (AQI) वायु गुणवत्ता श्रेणी
फलका
201
बहुत खराब
कोढ़ा
200
खराब
बरारी
197
खराब
कुरसेला
197
खराब
समेली
197
खराब
हसनगंज
197
खराब
कटिहार
193
खराब
डंडखोरा
193
खराब
कदवा
193
खराब
प्राणपुर
190
खराब
अमदाबाद
190
खराब
आजमनगर
190
खराब
बारसोई
186
मध्यम प्रदूषित
मनिहारी
183
मध्यम प्रदूषित
ठंड का असर, अस्पताल में बढ़ने लगे मरीज
ठंड के प्रकोप बढ़ने से जनजीवन प्रभावित होने लगा है। स्थानीय अस्पतालों एवं निजी चिकित्सकों एवं मेडिकल सेंटरों पर सर्दी, खांसी, जुकाम वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसमें उम्र दराज के साथ-साथ छोटे-छोटे नौनिहाल की संख्या अधिक दिखती है।
बाजार से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक में अब कड़ाके की ठंड का एहसास होने लगा है। ठंड से मजदूर वर्ग, रिक्शा आटो चालकों खासी परेशानी झेलनी पड़ती हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक अंतिम कंबल विवरण एवं चौक चौराहों तथा बाजारों में अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। |