6000 का धागा 3000 का मिल रहा, पीलीभीत का रेशम कारोबार बंद होने के कगार पर कैसे पहुंचा?

Chikheang The day before yesterday 22:37 views 644
  



जागरण संवाददाता, पीलीभीत। एक तरफ जहां इनवेस्टर समिट के माध्यम से निवेश के बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं तराई क्षेत्र में स्थापित रेशम धागा उत्पादन फैक्ट्री बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। मुख्य वजह है बाजार में चाइनीज धागे की आसान उपलब्धता, इसके चलते स्थानीय रूप से उत्पादित रेशम के धागे का मूल्य तेज़ी से गिर गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

टनकपुर हाईवे पर दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के पीछे रेशम धागा उत्पादन फैक्ट्री सन 1973 में स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य रेशम उत्पादन और रोजगार के अवसर प्रदान करना था। उस दौरान इस फैक्ट्री से हरदोई, शाहजहांपुर, रामपुर, बरेली, बदायूं, मुरादाबाद को भी जोड़ा गया था।

इन जिलों में संचालित रेशम कीट पालन केंद्रों से काकून यहीं मंगाने के अलावा शुरुआत में करीब ढाई सौ किसानों को रेशम कीट पालन से जोड़ा गया था। शुरुआत के वर्षों में तो फैक्ट्री सही सलामत चलती रही। इसके बाद फैक्ट्री को घाटा होने लगा। जिस कारण फैक्ट्री को बंद कर दिया गया था।

उसके बाद एक सहकारी संस्था को इसे संचालित करने के लिए दे दिया गया। संस्था ने एक साल फैक्ट्री का संचालन करने के बाद हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद रेशम विकास विभाग ने फैक्ट्री की पुरानी मशीनें नीलाम कराने और उनके स्थान पर नई मशीनें लगवाई गई थी।

मशीनें लगाने के बाद रेशम उद्योग को बढ़ाने के लिए महिलाओं के समूह के माध्यम से धागा उत्पादन शुरू किया गया था। जब महिलाओं को जोड़ा गया था। उस वक्त अफसरों के अनुसार वर्ष 2022 में काकून से तैयार होने वाले रेशम धागे की कीमत बाजार में अधिकतम छह हजार रुपये किलो तक थी।उस दौरान महिलाओं ने रेशम का थ्री लेयर में धागा तैयार किया था।

मगर अचानक बाजार में रेशम धागे पर गिरावट देखने को मिली। चाइना से आने वाले धागे की वजह से यह रेट अब अधिकतम 3100 सौ रुपये किलो पर जाकर ठहर गया है। ऐसे में फैक्ट्री में तैयार किया गया करीब तीन क्विंटल से अधिक धागा डंप पड़ा है। व्यापारी धागे का मुनासिब रेट देने को तैयार नहीं है।

एक माह पहले मुबारक 10 किलो धाग सैंपल के तौर पर भेजा गया था। लेकिन व्यापारियों की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में महिला समूह परेशान हैं। महिलाओं का कहना है कि मेहनत कर काकून से धाग तैयार किया था। सोचा था कि मुनासिब रेट मिलेगा। मगर ऐसा नहीं हुआ।
बंदी की कगार पर पहुंचने के ये भी कारण

रेशम फैक्ट्री में बैंगलोर से नई मशीनें लगवाई गई थी। यह मशीनें करीब वर्ष 2022 में स्थापित कराई गई थी। जिस पर शासन ने 22 लाख रुपये से अधिक का बजट खर्च किया गया था। इन मशीनों में ब्वायलर, टेस्टिंग यूनिट, रीलिंग यूनिट आदि मशीनें लगाई गई थी। ताकि बेहतर क्वॉलिटी का रेशम तैयार हो सके।

शुरुआत में रेशम तैयार कर वनारस, मुबारकपुर, आजमगढ़, चंदौली आदि इलाकों में सप्लाई किया गया। जिसके रेट अच्छे मिले तो महिला समूह पूरे जी जान से धागा बनाने में जुट गए। मगर अचानक भाव नीचे आ गया। आलम यह है कि महिलाओं की लागत भी नहीं निकल पा रही है।

जिस वजह से तीन क्विंटल धागा डंप पड़ा है। इसलिए महिलाएं अब धागा बनाने से मुंह मोड़ रही है। उन्होंने अब दूसरे व्यवसाय को चुन लिया है। ऐसे फैक्ट्री बंद की कगार पर पहुंच चुकी है। इतना ही नहीं पूरनपुर शेरपुर कला में बना शहतूत का बाग भी बदहाल हो गया है। जहां अब पेड़ कम हो गए हैं। वरना एक समय में इस बाग की पहचान हुआ करती थी।
// 插入原段落 HTML // ★ CLICK TO PLAY → 第一段後 (i==2) // 手機插在第二段 (i === 1),桌機插在第一段 (i === 0) // ★ MP4 → 往後兩段 (i==4) // ★ MP4 → 往後兩段 (i===4) // 點擊後才載入影片 // 延遲載入 MP4(避免進頁面就下載整部影片) // 判斷是否含

// 無

→ fallback 用
分段 // 產生新內容(安全 DOM 方式) wrap.innerHTML = ""; // 清空原文 wrap.appendChild(newDom); // 插入新內容 // ★ 強制自動播放(Chrome/Safari 必須)

like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
140890

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.