प्रेम विवाह में माता-पिता की स्वीकृति को आवश्यक करेगी गुजरात सरकार (सांकेतिक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात में प्रेम विवाह के लिए अब लड़की के माता और पिता की मंजूरी आवश्यक होगी। उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित अध्ययादेश पर मुहर लगाई जा सकती है। भाजपा व कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में इस तरह के कानून का समर्थन किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रेम विवाह में माता-पिता की मंजूरी को अनिवार्य
भाजपा विधायक रमण लाल वोरा, हीरा सोलंकी के साथ कांग्रेस सांसद गेनीबेन ठाकोर ने कहा है कि माता-पिता को परेशान न होना पड़े, ऐसा कानून बनाना चाहिए। गुजरात में पाटीदार समाज के नेता लंबे समय से प्रेम विवाह में माता-पिता की मंजूरी को अनिवार्य करने की मांग कर रहे थे।
उनका कहना है कि किशोरावस्था में लड़कियां भावनाओं में फंसकर ऐसे कदम उठा लेती हैं, जिस कारण बाद में उन्हें और परिवार को पछताना पड़ता है। पाटीदार नेता दिनेश बामणिया, गीता पटेल, वरुण पटेल आदि ने गत दिनों मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से मिलकर प्रेम विवाह में भागकर विवाह करने के मामलों में लड़की के आधार कार्ड के पते पर नोटिस देकर माता-पिता से एक माह में जवाब लिया जाना चाहिए।
स्थानीय मीडिया ने कुछ समय पहले उत्तर व मध्य गुजरात के ऐसे गुमनाम मंदिरों को खोज निकाला था, सैकडों विवाह में जिनका नाम और पता था। गोधरा के एक मंदिर का पता सौ से अधिक विवाह में उपयोग किया गया।
जब वहां जाकर सरपंच व लोगों से पूछा गया तो इसका पर्दाफाश हुआ कि इस तरह की शादियां कराने वाले पटवारी और पंडितों का एक गिरोह काम करता है। गुजरात सरकार के उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने कानून मंत्री व अन्यों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर बुधवार को होने वाले मंत्रिमंडल की बैठक में एक अध्यादेश लाने की तैयारी की है।
गुजराती गायिका के अंतरजातीय विवाह पर ब्राह्मण समाज नाराज
अमे गुजराती, चार-चार बंगडी जैसे लोकप्रिय गाने से चर्चित हुईं गुजराती लोक गायिका किंजल दवे ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा है कि उन्हें अपना जीवन साथी पसंद करने का पूरा हक है।
ब्राह्मण समाज किंजल की अन्य जाति के युवक से सगाई करने से नाराज है। उसने किंजल के परिवार को जाति से बाहर करने का एलान किया है। किंजल ने गत सप्ताह जब अपने एक मित्र ध्रुविन शाह से सगाई की बात को सार्वजनिक किया तो उत्तर गुजरात के पांच परगणा औदिच्य समाज के लोगों ने बैठक कर किंजल के परिवार के सामाजिक बहिष्कार का निर्णय ले लिया।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में किंजल के दादा भी शामिल थे। किंजल ने वीडियो में कहा है कि उन्हें ब्राह्मण समाज की सदस्य होने पर गर्व है, लेकिन समाज में बाल विवाह, आटा साटा जैसी कुप्रथा आज भी है। उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता हेमांग रावल ने पलटवार करते हुए कहा कि समाज बच्चों को आगे बढ़ने के लिए पंख देता है, लेकिन किंजल अपने ही समाज पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। |