प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चीनी सरगना के इशारे पर चल रहे आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 47 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर क्राइम ब्रांच ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जांच में उनके पास से मिले बैंकिंग क्रेडेंशियल्स कुल 1,167 शिकायतों से जुड़े मिले, जो एनसीआरपी पोर्टल पर देशभर में दर्ज हैं। यह सिंडिकेट डिजिटल अरेस्ट स्कैम में भी शामिल पाया गया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान मांश्वी दोचक, मनीष मेहरा, मंजीत सिंह, सोमबीर और अतुल शर्मा के रूप में हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस ने इस गिरोह के तीन जालसाजों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। क्राइम ब्रांच के उपायुक्त आदित्य गौतम के मुताबिक, इसी वर्ष 23 जून को साउथ ईस्ट के साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज हुई थी। शिकायतकर्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिए स्टाक ट्रेडिंग स्कीम में फंसाया गया।
इस ग्रुप में \“आज खरीदो-कल बेचो\“ और आइपीओ रेटिंग ट्रैपिंग के नाम पर प्रतिदिन मुनाफे के झूठे वादे किए गए थे। उन्हें https://stock.durocaspitall.com नाम की फर्जी वेबसाइट के जरिए दो महीनों में 47 लाख इन्वेस्ट करने के लिए उकसाया। पेमेंट एनईएफटी व यूपीआइ के जरिए कई पर्सनल बैंक अकाउंट में किए गए थे। जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो जालसाजों ने उन्हें धमकाया और पैसे ऐंठ लिए।
जांच के दौरान पता चला कि ठगी की रकम 31.45 हर्षिता फर्नीचर्स एंड इंटीरियर्स के नाम के एक करंट अकाउंट में जमा की गई थी। इसके अलावा, 23.80 लाख (31.45 लाख में से) बुबाई इंस्टेंट शाप ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई और उस फर्म का मालिक साहिल यादव था। उस बैंक अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आर्यन (सह-आरोपित) के नाम पर रजिस्टर्ड पाया गया, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उस बैंक अकाउंट का इस्तेमाल फर्जी ट्रांजैक्शन को चैनल करने के लिए बनाई गई एक शेल कंपनी के तौर पर किया गया था।
आरोपितों ने ठगी के पैसे निकालने के लिए इंडसइंड, एचडीएफसी, यस बैंक, आइडीएफसी फर्स्ट, एयू स्माल फाइनेंस, बंधन और इक्विटास बैंक सहित अलग-अलग बैंकों में सात करंट बैंक खाते खोले थे। जांच में उक्त फर्म के खाते से जुड़ी 131 एनसीआरपी शिकायतें मिलीं।
नोएडा में खोल रखा था ऑफिस
जांच यह भी पता चला कि आरोपित निवेशकों को धोखाधड़ी वाली स्टाक ट्रेडिंग योजनाओं में फंसाने के लिए नोएडा में एक आफिस भी चला रहे थे। वे अपने हैंडलर जैक (उत्तम नगर, दिल्ली और नोएडा का रहने वाला) को रिपोर्ट करते थे, जिसे चीन में रहने वाले टाम से निर्देश मिलते थे। जैक की पहचान आशीष कुमार उर्फ जैक के रूप में हुई।
ऐसे हुईं गिरफ्तारियां
पूछताछ के दौरान, पहले गिरफ्तार किए गए आरोपित आशीष कुमार ने बताया कि मोबाइल नंबर, जो इंडसइंड बैंक खाता में रजिस्टर्ड है उसे 16 अगस्त को नोएडा से गुरुग्राम में चीनी नागरिक टाम के निर्देश पर कूरियर सेवा के माध्यम से डिलीवर किया गया था। उक्त मोबाइल नंबर के सीडीआर के विश्लेषण से उसे सेक्टर-89, गुरुग्राम में जोमैटो डिलीवरी आर्डर से जोड़ा गया। इसके बाद छापेमारी के बाद हरियाणा, हिसार के मनजीत सिंह, सोनीपत, हरियाणा के मानवी डोचक, हरियाणा भिवानी के सोमबीर, नजफगढ़ के मनीष मेहरा और कुरुक्षेत्र के अतुल शर्मा को गिरफ्तार किया गया।
इन धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग एप्लीकेशन की हुई पहचान
एक्सवेंटर, पेइंडिया, एफएक्सरोड, क्वांटा, लांतवा, क्वांतरो, बोरिस, सेवेक्सा, इंडिया कार्पोरेट, केप प्लेस, ट्रेडग्रिप, ईजिनवेस्ट, इनडक्स, इंडेक्सफ्लक्स।
पिछले साल टाम ने किया था गिरोह में भर्ती
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें बीते वर्ष दिसंबर में टाम नामक चीनी नागरिक ने टेलीग्राम के माध्यम से भर्ती किया था। टाम ने चालू बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने के बदले हर ट्रांजैक्शन पर 1 से 1.5 प्रतिशत कमीशन का लालच दिया।
इसी उद्देश्य से आरोपितों ने बुबाई इंस्टेंट शाप ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई और नोएडा में कार्यालय किराए पर लिया। कंपनी के नाम पर अलग-अलग बैंकों में सात चालू खाते खोलकर साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती थी। अन्य लाभार्थियों, पैसों के लेन-देन और फरार आरोपियों की तलाश में जांच जारी है।
यह भी पढ़ें- Petrol-Diesel के बाद अब CNG: दिल्ली में इन गाड़ियों को नहीं मिलेगी गैस, आज से सरकारी नियम लागू |