जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली में द्वारका जिले के थाना छावला की पुलिस टीम ने घरों और दुकानों को निशाना बनाने वाले एक ऐसे शातिर चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो पहचान छिपाने के लिए बिना नंबर प्लेट की स्कूटी का इस्तेमाल करता था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों, वरुण और नितेश को गिरफ्तार किया है, जो बंद घरों की रेकी करने के बाद मास्टर चाबियों और विशेष औजारों से सेंधमारी करते थे।
पुलिस की जांच में सामने आया कि ये चोर बेहद योजनाबद्ध तरीके से वारदातों को अंजाम देते थे। वे अपनी स्कूटी की नंबर प्लेट हटा देते थे ताकि सीसीटीवी कैमरों में उनकी पहचान और वाहन का नंबर न आ सके।
यह गिरोह मुख्य रूप से देर रात को उन घरों या दुकानों को निशाना बनाता था जहां लोग सो रहे होते थे या घर बंद होते थे। वे अपने साथ घर तोड़ने के आधुनिक औजार और मास्टर चाबियां रखते थे, जिससे वे चंद मिनटों में ताले तोड़कर या खोलकर भीतर दाखिल हो जाते थे। चोरी के दौरान वे खास कपड़ों का इस्तेमाल करते थे ताकि भागते समय उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाए।
डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि 29 नवंबर को दर्ज हुई चोरी की एफआईआर को सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। चूंकि स्कूटी पर नंबर नहीं था, इसलिए टीम ने करीब 150 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और स्थानीय मुखबिरों की मदद से इन चोरों के भागने के रास्ते का पीछा किया और अंततः उन्हें जय विहार इलाके से ट्रैक करके दबोच लिया।
पुलिस ने पकड़े गए चोरों के पास से चुराए हुए 2,45,770 नकद, 220 ग्राम सोना, 615 ग्राम चांदी, 3 एलईडी टीवी और 2 लैपटॉप बरामद किए हैं। आरोपी वरुण और नितेश पहले भी रनहोला थाने में हत्या के प्रयास और मारपीट जैसे गंभीर मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से छावला क्षेत्र में हुई चोरी और सेंधमारी के 6 बड़े मामले सुलझाने का दावा किया है। |