आरा-सासाराम रेल लाइन दोहरीकरण का सर्वे, जमीन अधिग्रहण तेज
जागरण संवाददाता, आरा। लंबे समय से लंबित आरा-सासाराम रेलखंड (Ara Sasaram Railway Line) के दोहरीकरण कार्य को आखिरकार धरातल पर गति मिल गई है। रेल मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद अब इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 110 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा, जिस पर कुल 700 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। रेलवे ने इसके लिए तीन वर्षों में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है।
जमीन अधिग्रहण का काम शुरू, निर्माण एजेंसी को साइट हैंडओवर की तैयारी
रेल सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में रेलवे द्वारा जमीन अधिग्रहण, पैमाइश, रूट मैप तैयार करने और बाधा वाले हिस्सों की पहचान करने का कार्य किया जा रहा है। विभिन्न जिलों- भोजपुर, रोहतास के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण भी जारी है, ताकि निर्माण एजेंसी को जल्द से जल्द साइट का हस्तांतरण किया जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज होने से निर्माण कार्य को गति मिलेगी और लक्ष्य समय पर पूरा होने की उम्मीद बढ़ी है। लगभग एक दशक से लंबित आरा-सासाराम दोहरीकरण परियोजना के शुरू हो जाने से लोगों में उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र रेल संपर्क और उद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
रेलवे का लक्ष्य है कि तीन साल के भीतर यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से पूरा कर लिया जाए, जिससे यात्रियों और उद्योगों दोनों को लाभ मिल सके।
रेलवे नेटवर्क पर कम होगा दबाव, मेन लाइन को मिलेगी बड़ी राहत
आरा-सासाराम रेलखंड का दोहरीकरण होने से मेन लाइन पर बढ़ते दबाव को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी। फिलहाल दानापुर-मुगलसराय मेन लाइन पर ट्रेनों की संख्या अधिक होने से कई बार परिचालन प्रभावित होता है। दोहरी लाइन बन जाने के बाद ट्रेनों को डायवर्ट करने और बेहतर प्रबंधन की क्षमता बढ़ जाएगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, दोहरीकरण के बाद इस रूट पर अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी, जिससे यात्रियों को प्रतिदिन बेहतर आवागमन सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही परिचालन समय घटेगा और देरी की समस्या से भी राहत मिलेगी।
चौसा पावर प्लांट को मिलेगी बड़ी सुविधा, रेलवे को बढ़ेगा राजस्व
इस परियोजना का एक बड़ा लाभ चौसा थर्मल पावर प्लांट को भी मिलेगा। अभी प्लांट को कोयला लाने में काफी समय और लागत लगती है। नया दोहरीकरण पूरा होने के बाद झारखंड के धनबाद क्षेत्र से आने वाले कोयले की ढुलाई और तेज़ तथा सुगम हो जाएगी, जिससे प्लांट की उत्पादन क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
रेलवे के लिए भी यह दोहरीकरण एक बड़ा राजस्व स्रोत बनेगा। भारी मालगाड़ियों के सुचारू संचालन से रेलवे की कमाई में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है।
फिलहाल सीमित ट्रेनों का परिचालन, दोहरीकरण के बाद बढ़ेगी संख्या
आरा-सासाराम सेक्शन पर इस समय लगभग आधा दर्जन ट्रेनें, जिनमें दो एक्सप्रेस तथा कई पैसेंजर ट्रेनें, नियमित रूप से चलती हैं। सिंगल लाइन होने के कारण कई बार ट्रेनों को पासिंग का इंतजार करना पड़ता है और समय पर परिचालन प्रभावित होता है।
रेल विभाग का कहना है कि दोहरीकरण पूरा होने के बाद इस रूट पर नई ट्रेनों के संचालन के साथ-साथ मौजूदा ट्रेनों की गति और संख्या दोनों में वृद्धि होगी। इससे भोजपुर, रोहतास और कैमूर जिले के लाखों यात्रियों को बेहतर रेल सुविधा मिल सकेगी।
स्थानीय लोगों में उत्साह, विकास की नई राह
स्थानीय जनप्रतिनिधि और इलाके के लोग इस प्रोजेक्ट को क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण मान रहे हैं। उनका कहना है कि दोहरीकरण से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और रेलवे कनेक्टिविटी मजबूत होने से लोगों को लंबी दूरी की यात्रा में समय और लागत दोनों की बचत होगी।
डीडीयू रेल मंडल के अंतर्गत आरा सासाराम रेलखंड पर दोहरीकरण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है, लेकिन इसमें जमीन सर्वे के लिए एवं अधिग्रहण करने के लिए बोला गया है। जमीन मापी की जा रही है, इसके बाद रेल लाइन बिछाने का काम चालू होगा। सरस्वती चंद्र, हाजीपुर रेलवे जोन के मुख्य सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी।
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