सबसे अधिक मोटरसाइकिल–स्कूटर, सबसे कम हार्वेस्टर का पंजीकरण। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Samastipur Vehicle Registration 2025: वर्ष 2025 में समस्तीपुर जिले में वाहनों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा दर्ज किया गया है। परिवहन विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बीते एक वर्ष में जिले में कुल 61,779 नए वाहनों का पंजीकरण हुआ है। इससे सड़कों पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि आम लोगों की प्राथमिकता अब भी दोपहिया वाहन ही बने हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन मोटरसाइकिल और स्कूटर का हुआ है। वर्ष 2025 के दौरान 53,766 मोटरसाइकिल और स्कूटर पंजीकृत किए गए, जो कुल पंजीकरण का बड़ा हिस्सा है। इसके अलावा 746 मोपेड और 35 साइडकार लगी मोटरसाइकिलों का भी रजिस्ट्रेशन हुआ, जिससे दोपहिया वाहनों का दबदबा और स्पष्ट हो गया है।
ई-रिक्शा और थ्री-व्हीलर की संख्या भी बढ़ी
तीन पहिया वाहनों और ई-रिक्शा की संख्या में भी इजाफा देखा गया है। यात्रियों के लिए उपयोग होने वाले ई-रिक्शा (पैसेंजर) के 3,107 पंजीकरण हुए, जबकि माल ढुलाई वाले ई-रिक्शा (गुड्स) की संख्या 189 रही। वहीं, थ्री-व्हीलर पैसेंजर के 1,009 और थ्री-व्हीलर गुड्स के 204 वाहन दर्ज किए गए। इससे शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में छोटे सार्वजनिक परिवहन का विस्तार हुआ है।
कृषि और व्यावसायिक वाहनों का सीमित पंजीकरण
कृषि एवं व्यावसायिक वाहनों की बात करें तो वर्ष 2025 में 1,021 कृषि ट्रैक्टर और 204 कमर्शियल ट्रैक्टर पंजीकृत हुए। इसके साथ ही कृषि ट्रेलर के चार और कमर्शियल ट्रेलर के 116 पंजीकरण दर्ज किए गए। हालांकि कृषि कार्यों में उपयोग होने वाले हार्वेस्टर का रजिस्ट्रेशन बेहद कम रहा और पूरे वर्ष में सिर्फ एक हार्वेस्टर ही पंजीकृत हुआ।
चार पहिया वाहनों में भी इजाफा
चार पहिया श्रेणी में 788 मोटर कार, 21 मोटर कैब, 16 मैक्सी कैब और 45 बसों का पंजीकरण हुआ। इसके अलावा दो ओमनी बस, 34 कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट व्हीकल और 459 गुड्स कैरियर भी परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज किए गए। आपातकालीन सेवाओं के लिए तीन एम्बुलेंस का भी पंजीकरण किया गया।
यातायात प्रबंधन बन सकता है चुनौती
कुल मिलाकर आंकड़े बताते हैं कि जिले में दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा जैसे छोटे वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जबकि भारी और कृषि उपकरणों का पंजीकरण सीमित है। परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रफ्तार बनी रही तो आने वाले समय में यातायात व्यवस्था और सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन को ठोस और दीर्घकालिक कदम उठाने की जरूरत पड़ेगी। |