टी20 वर्ल्ड कप के लिए हुआ टीम का एलान
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। टी-20 विश्व कप की उलटी गिनती अब औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है। भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में अगले साल सात फरवरी से टूर्नामेंट का आगाज होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने शनिवार को मुंबई में आयोजित बैठक में 15 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यही टीम 21 जनवरी से न्यूजीलैंड के विरुद्ध शुरू होने वाली पांच मैचों की टी-20 सीरीज में भी मैदान में उतरेगी। चयन समिति ने इस बार बड़ा और साहसिक फैसला लेते हुए खराब फॉर्म से जूझ रहे उपकप्तान शुभमन गिल को टीम से बाहर कर दिया। वहीं, लंबे समय से राष्ट्रीय टीम से दूर चल रहे विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन और भरोसेमंद फिनिशर रिंकू सिंह की वापसी हुई है।
इशान ने दूसरे विकेटकीपर के रूप में संजू सैमसन के साथ जगह बनाई, जिससे जितेश शर्मा को बाहर होना पड़ा। टीम में ऑलराउंडर अक्षर पटेल को उपकप्तान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस टीम पर टी20 वर्ल्ड कप का खिताब बचाने की जिम्मेदारी होगी जो तकरीबन 14 महीने पहले भारत ने बारबाडोस में जीता था। टीम में चुने 15 खिलाड़ियों का बीते 14 महीने में कैसा प्रदर्शन रहा है बताते हैं आपको।
खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निगाहें
सूर्यकुमार यादव: भारतीय कप्तान अभी अपने करियर की सबसे खराब फॉर्म में हैं। पिछले 14 महीनों में सूर्यकुमार ने एक भी अर्धशतक नहीं जड़ा है और उनका स्ट्राइक रेट 125 से नीचे गिर गया है।
अभिषेक शर्मा: अभिषेक की शुरुआत भारत के पावरप्ले में नियंत्रण में अहम होगी। अपने करियर के बेहतरीन दौर में दुनिया के नंबर एक टी-20 बल्लेबाज ने लगभग 200 के स्ट्राइक रेट के साथ प्रारंभिक बल्लेबाजों के लिए एक अलग ही मानक तय किया है।
तिलक वर्मा: तिलक टी-20 विश्व कप में सबसे अहम शीर्ष क्रम बल्लेबाज हैं। टी-20 एक तेज-तर्रार प्रारूप है लेकिन तिलक की बल्लेबाजी तकनीक और तनाव भरी परिस्थितियों में शांत रहने की स्वाभाविक क्षमता एक बेहतरीन मिश्रण है।
हार्दिक पांड्या: अगर पिछले नौ साल में भारतीय क्रिकेट में संतुलन का कोई पर्यायवाची होता तो वह हार्दिक ही होते। जब भी वह टी-20 या वनडे से बाहर रहे हैं, भारत को एक आदर्श संयोजन बनाने में मुश्किल हुई है।
शिवम दुबे: भारत की सपाट पिचों पर या थोड़ी मुश्किल पिचों पर शिवम इस भारतीय टीम के लिए काफी अहम हैं। लेग स्पिनरों के विरुद्ध खेलने में उनकी महारत ऐसी है कि जब वह क्रीज पर होते हैं तो जैम्पा, अबरार या हसरंगा को उनके कप्तान गेंदबाजी से दूर रखने की कोशिश करते हैं।
संजू सैमसन: भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज अब शुभमन गिल के टीम से बाहर होने के बाद आखिरकार राहत की सांस ले सकते हैं। सैमसन ने 2024 में 12 पारियों में 436 रन बनाकर भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी था।
ईशान किशन: झारखंड के इस खिलाड़ी ने जबरदस्त वापसी की है। अपने राज्य को पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब दिलाने के बाद उन्होंने दो साल से ज्यादा समय बाद टीम में वापसी की है।
कुलदीप यादव: बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप सितंबर में भारत के एशिया कप जीतने के अभियान में अहम थे और 9.29 के शानदार औसत से सात विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
जसप्रीत बुमराह: बुमराह के पास कटर, डिपर, स्लोअर बॉल, बाउंसर, यॉर्कर सब कुछ है जिसका एक तेज गेंदबाज सपना देखता है। वह चार ओवर के सीमित ओवरों में उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना कि लंबे प्रारूप में।
अक्षर पटेल: टीम के उप कप्तान की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिलने के बाद अक्षर को गेंद और बल्ले दोनों से असर डालना होगा। उनकी बाएं हाथ की स्पिन सटीक है। वहीं यह बांए हाथ का बल्लेबाज बल्लेबाजी क्रम में कहीं भी बल्लेबाजी करने के लिए मानसिक और तकनीकी रूप से सक्षम है जो उन्हें अहम खिलाड़ी बनाता है।
अर्शदीप सिंह: यह बाएं हाथ का गेंदबाज बुमराह के लिए एकदम सही जोड़ीदार है। हालांकि अर्शदीप में अपने सीनियर जैसा जादू नहीं है। गेंद की गति बदलने की क्षमता उन्हें पावरप्ले के साथ अंतिम ओवरों में भी बल्लेबाजों के लिए एक बड़ा खतरा बनाती है।
वरुण चक्रवर्ती: उनकी गेंदबाजी को समझाना मुश्किल है। एक्शन में कोई खास बदलाव किए बिना यह स्पिनर बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए कई तरह की गेंदें फेंक सकता है। उनके हाथों से गेंद को पढ़ना काफी मुश्किल है और उनकी स्वाभाविक तेजी उन्हें पिच पर भी खेलना मुश्किल बनाती है।
हर्षित राणा: मुख्य कोच गौतम गंभीर के तरजीह देने की बातों के बीच अब सभी प्रारूप में नियमित रूप से खेलने वाले इस भारतीय तेज गेंदबाज पर लगातार नजर बनी हुई है। बुमराह और अर्शदीप के बाद रिजर्व तेज गेंदबाज के तौर पर राणा को एक बार फिर सिराज पर तरजीह दी गई है।
वॉशिंगटन सुंदर: तमिलनाडु के इस ऑफ-स्पिनर ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध पहले टेस्ट में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी जो टीम में एक और ऑलराउंडर विकल्प प्रदान करता है। उन्होंने 58 मैचों के 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में एक अर्धशतक बनाया है और 22.76 के औसत से 51 विकेट लिए हैं।
रिंकू सिंह: अलीगढ़ के एक साधारण परिवार से भारत की टी20 विश्व कप टीम तक रिंकू सिंह का सफर निडर फिनिशिंग और दबाव में शानदार धैर्य की वजह से संभव हुआ है।
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