टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष तकनीक की दुनिया में कुछ ऐसी परिवर्तनकारी उपलब्धियां दर्ज होती हैं, जो उस साल की पहचान के साथ जुड़ जाती हैं। साल 2025 में जेनरेटिव एआई एजेंट्स से लेकर क्वांटम कंप्यूटिंग तक और कमर्शियल रोबोटैक्सी से लेकर एनर्जी स्टोरेज तक बड़े बदलाव चर्चा में रहे। एआई और वैज्ञानिक नवाचार स्वास्थ्य, पर्यावरण, अंतरिक्ष जैसे अनेकानेक क्षेत्रों में नई संभावनाओं की दिशा तय कर रहे हैं। खासकर, बीमारियों के प्रभावी उपचार, नई दवाओं की खोज, नए उपकरणों से सहजता बढ़ाने और इमरजेंसी सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ ये हमारे दैनिक जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं।
जेनरेटिव एआई असिस्टेंट से अब एआई एजेंट जेनरेटिव एआई अब एजेंटिक एआई के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहा है। एआई इंटरकनेक्टेड एजेंट के तौर पर अब स्वतः स्पेशलाइज्ड टास्क करने में सक्षम होने जा रहे हैं। रीजनिंग क्षमताओं में सुधार के चलते एआई मॉडल साक्ष्य आधारित आउटपुट के साथ-साथ बिना मानवीय हस्तक्षेप के प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस और सप्लाई चेन जैसे जटिल कार्यों को करने में सक्षम बनेंगे। वे खुद निर्णय लेकर अब आउटपुट दे रहे हैं, साल 2025 इस मामले में मील का एक पत्थर रहा है। आने वाले वर्षों में हम सुपरएजेंट को विकसित होते हुए देखेंगे, जिससे हेल्थकेयर, लॉ और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी इंडस्ट्री के लिए नए तरह का एआई इकोसिस्टम तैयार होगा।
बदल रही है कंटेंट क्रिएशन की दुनिया कंटेंट क्रिएशन में एआई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पारंपरिक सॉफ्टवेयर कंपनियों के समक्ष नई चुनौती खड़ी हो गई है। एआई-फर्स्ट प्लेटफार्म टेक्स्ट-टू-इमेज जैसी सुविधाएं ऑफर कर रहे हैं, यानी आप कुछ शब्द टाइप कर कोई भी इमेज बना सकते हैं। फोटोशॉप में पहले जेनरेटिव फिल और इमेज एक्सपेंशन जैसे फीचर्स जोड़े गए थे, लेकिन 2025 में यूजर एप के अंदर ही पूरी इमेज तैयार करने लगे। एडोब का फायरफ्लाई एक ऐसा ही इमेज जेनरेशन टूल है जो कॉपीराइट की चिंताओं से मुक्त होकर बेहतर इमेज तैयार करने की सुविधा देता है। वहीं चैटजीपीटी में बिल्ट-इन इमेज क्रिएशन और एडिटिंग टूल्स की सुविधा मिल रही है, जिससे विजुअल्स, फोटो को केवल टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के जरिये मॉडिफाई किया जा सकता है। इसी तरह गूगल के जेमिनी \“नैनो बनाना\“ मॉडल आकर्षक फोटो बनाने की अपनी बेहतर खूबियों के चलते इस वर्ष काफी लोकप्रिय हुआ। यूट्यूब ने भी 2025 में वीओ2 फीचर की घोषणा की, जो टेक्स्ट प्रॉम्प्ट से वीडियो बनाने में मदद करता है।
साइबर सुरक्षा : नए खतरे और सुरक्षा के नए तरीके अनेक रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि बीते एक साल में जेनरेटिव एआई के इस्तेमाल से सुरक्षा में सेंध या सुरक्षा संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं या कहें 2025 में साइबर सिक्योरिटी में जेनरेटिव एआई सबसे चर्चित टॉपिक रहा। एंडप्वाइंट और नेटवर्क सिक्योरिटी के लिए निवेश और नवाचार में वृद्धि हो रही है। एआई के जरिये वाइस क्लोनिंग, डीपफेक वीडियो के मामले आए दिन चर्चा में रहते हैं, उसे देखते हुए ना केवल साइबर सुरक्षा कंपनियों, बल्कि सामान्य यूजर्स को अब अधिक जागरूक होने की जरूरत है। हालांकि, साइबर सुरक्षा में एआई आधारित थ्रेट इंटेलिजेंस के माध्यम से ऑटोमैटिक थ्रेट डिटेक्शन साइबर सुरक्षा को बेहतर बना रहा है। एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम को अधिक सुरक्षित बनाने में एआई टूल्स किस तरह उपयोगी साबित हो सकते हैं, इस दिशा में प्रयास बढ़ता दिखेगा। कुल मिलाकर, एआई ने तकनीक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।
कंप्यूटिंग और कनेक्टिविटी क्वांटम कंप्यूटिंग अब सैद्धांतिक शोध से बाहर निकल वास्तविक दुनिया में बदलाव लाने के लिए तैयार हो रही है। गूगल का \“विलो\“ क्वांटम चिप और माइक्रोसॉफ्ट व एटम कंप्यूटिंग द्वारा इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव की तैयारी की जा रही है, जिससे पारंपरिक सुपर कंप्यूटर के मुकाबले फ्यूचर कंप्यूटिंग कहीं अधिक तीव्र और उपयोगी साबित होगी। कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अल्ट्रा फास्ट इंटरनेट 6जी तीव्र विकास के चरण में है, जो प्रति सेकंड टेराबाइट और माइक्रो सेकंड लेटेंसी को सपोर्ट करेगा। इससे ऑटोनॉमस सिस्टम अधिक हाइपर कनेक्ट होगा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में व्यापक बदलाव आएगा।
इन क्षेत्रों में बढ़ रहा है एआई का प्रभाव
हेल्थकेयर: बीमारियों की पहचान और उपचार, नई दवाओं की खोज, पर्सनलाइज्ड मेडिसिन और ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने में एआई की भूमिका बढ़ रही है। इससे आने वाले वर्षों में हेल्थकेयर सेक्टर में बड़ा बदलाव दिखेगा।
मैनुफैक्चरिंग: प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस से लेकर सप्लाई चेन को प्रभावी बनाने तक एआई बड़ी भूमिका के लिए तैयार हो रहा है। इससे क्वालिटी कंट्रोल के साथ-साथ क्षमता वृद्धि भी होगी।
फाइनेंस: वित्तीय धोखाधड़ी के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे निपटने के लिए एआई का प्रयोग किया जाने लगा है। इससे फ्रॉड डिटेक्शन, एल्गोरिदम ट्रेडिंग, रिस्क असेसमेंट और डेटा आधारित निर्णय लेने में एआई अब सार्थक भूमिका निभा रहा है।
मार्केट: बाजार ट्रेंड को जानने-समझने, कैंपेन को ऑटोमेट करने और कंटेंट को अधिक उपयोगी बनाने में एआई की उपयोगिता लगातार बढ़ रही है।
ट्रांसपोर्टेशन:लॉजिस्टिक, ऑटोनॉमस व्हीकल और डॉक्यूमेंटेशन में एआई के अलग-अलग टूल्स प्रयोग किए जाने लगे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |
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