बिहार के एजुकेशन सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों में अब 6वीं क्लास से दी जाएगी व्यावसायिक शिक्षा

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बिहार के सरकारी स्कूल। फोटो जागरण  



दीनानाथ साहनी, पटना। देर से ही सही, बिहार शिक्षा विभाग भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को चरणबद्ध तरीके से लागू कर रहा है। चूंकि नीतीश सरकार का पूरा फोकस रोजगारपरक व कौशल विकास शिक्षा से रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके तहत बेसिक-माध्यमिक और उच्च शिक्षा में बहुत सारे व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आने वाली पीढ़ी अकेले नौकरी के ही भरोसे न रहे, इसके लिए बच्चों में अब 11-12 साल की उम्र से ही व्यवसाय के बीज रोपे जाएंगे। सरकार ने स्कूलों में इसको लागू करने की एक बड़ी योजना तैयार की है।

दरअसल, सरकार का फोकस इन दिनों युवाओं को पढ़ाई के बाद स्टार्टअप जैसे कारोबार से जोड़ने को लेकर भी है, जिसकी बीज छठी कक्षा से बच्चों में अंकुरित करना चाहती है। शिक्षा विभाग अभी से प्री-वोकेशनल कोर्स की प्लानिंग शुरू कर दिया है।इसके तहत बच्चों को छठवीं से ही व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) पाठ्यक्रम बनाने में जुट गया है। इसका पाठ्यक्रम बिल्कुल ऐसा होगा, ताकि बच्चों में इस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर रुचि पैदा हो सके। अभी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई नौवीं क्लास से दी जाती है।

नये सत्र 2026-27 से सरकारी विद्यालयों में अब व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई छठवीं कक्षा से शुरू होगी। शिक्षा विभाग के एक सीनियर अफसर ने बताया कि 11-12 साल की उम्र से छात्र-छात्राओं को कौशल बोध और विभिन्न ट्रेड जैसे कंप्यूटर शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रानिक्स, लाजिस्टिक्स और एआइ जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण आवश्यक है, ताकि वे स्कूली शिक्षा के बाद रोजगार व स्वरोजगार के लिए तैयार हो सकें और आत्मविश्वास के साथ कार्यबल में शामिल हो सकें।

अभी दिल्ली समेत कुछ अन्य राज्यों में छठी कक्षा से पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। फिलहाल, एससीईआरटी द्वारा कंप्यूटर, एआइ, हेल्थ केयर, आटोमोबाइल्स, रिटेल मैनेजमेंट, बैंकिंग, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, ब्यूटी एंड वेलनेस समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम को तैयार करने पर तेजी से काम किया जा रहा है।
आगे की पढ़ाई के लिए मानसिक रूप से तैयार किए जाएंगे बच्चे

व्यावसायिक पाठ्यक्रम को छठी कक्षा से लागू करने के पीछे जो तर्क है कि नौवीं तक आते-आते ज्यादातर बच्चे अपनी पढ़ाई और आगे के क्षेत्र को लेकर मानसिक रूप से तैयार हो चुके होते है। बाद में वह उसी दिशा में आगे बढ़ जाते है। इसके चलते व्यावसायिक शिक्षा का उन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ पाता है।

NCERT ने इन पहलुओं को देखते हुए बच्चों को छठी से ही इसकी पढ़ाई कराने की योजना से पहले से राज्यों को एडवाइजरी जारी रखी है। योजना के तहत बच्चों को इस दौरान सिर्फ इस विषय की प्रारंभिक जानकारी दी जाएगी, ताकि उनके व्यावसायिक क्षेत्र में बढ़ने का रूझान पैदा हो सके।

NCERT इसके तहत छठी से आठवीं कक्षा तक के लिए एक नया पाठ्यक्रम डिजाइन भी किया है। आने वाले समय में शिक्षा विभाग छठी से नीचे की कक्षाओं की नई किताबों में व्यावसायिक शिक्षा की बेसिक पढ़ाई शुरू कराएगा।
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