Diwali 2025: इन पांच महासंयोगों के साथ खास है इस बार की दीवाली, उत्तराखंड के आचार्यों के अनुसार शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Chikheang 2025-10-20 17:36:48 views 1259
  

Diwali 2025: दीपावली पर 71 वर्ष बाद पड़ रहे पांच महासंयोग  



जागरण संवाददाता, रुड़की। दीपावली पर्व को लेकर संशय की स्थिति 125 वर्ष पूर्व 1900 और 1901 में बनी थी। वहीं 2024 के बाद अब लगातार दूसरे साल 2025 में भी ऐसी स्थिति बन रही है। उधर, इस बार दीपावली पर 71 वर्ष बाद पांच महासंयोग पड़ रहे हैं। जिनमें हंस राजयोग, बुधादित्य योग, कलानिधि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग तथा आदित्य मंगल योग शामिल है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ये योग पड़ने से दीपावली खास होगी। यह पर्व सुख-समृद्धि और खुशहाली लेकर आएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल बताते हैं कि पिछले वर्ष की तरह इस साल भी दीपावली पर्व को लेकर संशय की स्थिति बन रही है।

हालांकि वाराणसी के सभी पंचांगों में 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन अन्य पंचांग में सूर्यास्त के अनुसार 21 अक्टूबर को दीपावली मनाने का निर्देश है। आचार्य शुक्ल ने बताया कि 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि का प्रारंभ दोपहर बाद 3:45 पर होगा। 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि सायंकाल 5:55 तक व्याप्त रहेगी।

21 अक्टूबर को प्रदोष व्यापिनी और निशीथ कालव्यापिनी अमावस्या न होने से 20 अक्टूबर को दीपावली पर्व मानने का निर्देश दिया गया है। जबकि निर्णय सिंधु, धर्म सिंधु आदि ग्रंथों के अनुसार दीपावली पर्व 21 अक्टूबर को भी मनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दीपावली (20 अक्टूबर) पर पांच महासंयोग पड़ने से गुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में गोचर करेंगे।
घरों में पूजन को संध्या में 5:45 से 8:20 के मध्य उत्तम समय

रुड़की: दीपावली पर सोमवार को व्यावसायिक पूजन का समय दोपहर लगभग 1:30 से सायंकाल 6:00 बजे के मध्य उचित रहेगा। इस दौरान चर लाभ, अमृत चौघड़िया तथा स्थिर लग्न विद्यमान होगा। इस अवधि में खरीदारी करना भी बहुत शुभ रहेगा। वहीं घरों में पूजन का समय प्रदोष काल के समय संध्या में लगभग 5:45 से 8:20 के मध्य उत्तम रहेगा। इस दौरान स्थिर लग्न एवं चर चौघड़िया रहेगी।

निशीथ काल का समय रात्रि लगभग 8:20 से 10:55 के मध्य का होगा। इस दौरान साधना आदि के लिए उचित समय रहेगा। महानिशा काल का समय रात्रि लगभग 10:50 से 1:30 तक रहेगा। यह समय तांत्रिक क्रियाएं तथा सिद्धियां करने वालों के लिए उचित रहेगा।
माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा के बाद करें श्रृंगार अर्पण

रुड़की: आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि दीपावली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा इंद्र, वरुण, यम, कुबेर आदि की पूजा करनी चाहिए। माता लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करने के बाद श्रृंगार अर्पण करना चाहिए। इसके बाद श्री लक्ष्मी सूक्त, श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र और पुरुष सूक्त का पाठ करके मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। घर में सुख-समृद्धि आती है।

यह भी पढ़ें- पटाखों से डरते हैं आपके पेट्स? दीवाली पर उनका खास ख्याल रखने के लिए यहां पढ़ें \“सेफ्टी गाइड\“
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
137542

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.