कतरनी चूड़ा की डिमांड बढ़ी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मकर संक्रांति नजदीक आते ही भागलपुरी कतरनी चूड़ा की मांग देश के कई राज्यों में तेज हो गई है। हर वर्ष की तरह इस बार भी दूसरे राज्यों में रह रहे भागलपुर व बिहार के लोग परिजनों के लिए कतरनी चूड़ा की खास सौगात भेज रहे हैं। बढ़ती मांग के कारण कतरनी चूड़ा का बाजार पूरी तरह गरमा गया है। अनुमान है कि मकर संक्रांति तक 500 से 600 टन से अधिक चूड़ा की बिक्री होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनारा चौक स्थित चूड़ा के होलसेल कारोबारी चंदन विश्वास ने बताया कि कतरनी चावल को जीआई टैग मिलने के बाद कतरनी चूड़ा की मांग में और इजाफा हुआ है। मकर संक्रांति को लेकर मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता सहित कई शहरों में चूड़ा भेजा जा रहा है।
बाजार में पैकेट बंद चूड़ा की भी अच्छी बिक्री हो रही है। वहीं, खुदरा कारोबारी रंजन के अनुसार कतरनी चूड़ा 110 से 120 रुपये किलो, मालभोग चूड़ा 150 रुपये किलो, जबकि सोनम चूड़ा 60 रुपये किलो बिक रहा है।
तिलकुट की भी बढ़ी बिक्री
मकर संक्रांति को लेकर तिलवा और तिलकुट की बिक्री भी तेज हो गई है। तिलकुट विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि तिलवा 90 से 100 रुपये किलो, गुड़ का तिलकुट 260 से 280 रुपये किलो और चीनी का तिलकुट 220 से 250 रुपये किलो के बीच बिक रहा है। सफेद व काला तिल का लड्डू तथा बादाम लड्डू 300 रुपये किलो तक बिक रहा है।
किसानों से संपर्क कर रहे व्यापारी
इस वर्ष धान का उत्पादन बेहतर रहने से किसानों में उत्साह है। आभा रतनपुर के किसान विभूति सिंह ने बताया कि कतरनी चूड़ा की बढ़ती मांग के कारण दिल्ली, झारखंड और पानीपत सहित अन्य राज्यों के व्यापारी उनसे संपर्क कर रहे हैं। जैविक कतरनी चूड़ा 150 रुपये और कतरनी चावल 160 रुपये किलो तक बिक रहा है।
संभा मिक्स चूड़ा सस्ता, मिलावट की आशंका
बाजार में कम कीमत पर उपलब्ध संभा मिक्स चूड़ा की भी खरीदारी हो रही है। हालांकि कुछ स्थानों पर इसमें मिलावट की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। इसकी कीमत 60 से 70 रुपये किलो है। किसानों का कहना है कि चूड़ा खरीदते समय दुकानों पर उसका स्वाद अवश्य जांच लें। शुद्ध कतरनी चूड़ा मीठा और मुलायम होता है। |