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सुप्रीम कोर्ट ने लीक ऑडियो क्लिप पर उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सवाल उठाया कि 2023 की जातीय हिंसा में पूर्व मणिपुर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की भूमिका को इंगित करने वाले सभी उपलब्ध लीक हुए आडियो क्लिप फारेंसिक परीक्षण के लिए क्यों नहीं भेजे गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट ने कहा कि वह 20 नवंबर को याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर हलफनामे से \“\“थोड़ा परेशान\“\“ है, जिसमें कहा गया था कि \“\“केवल चयनित लीक क्लिपिंग भेजी गई थीं\“\“। जस्टिस संजय कुमार और आलोक अराधे की पीठ के समक्ष प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि हलफनामा उन्हें नहीं भेजा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लीक ऑडियो क्लिप पर उठाए सवाल
अब यह हलफनामा, जिसे आपके अनुसार आपको नहीं भेजा गया, कहता है कि केवल चयनित क्लि¨पग भेजी गई थीं। कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों से पूछा कि लगभग 48 मिनट का पूरा लीक हुआ आडियो क्लिप गुजरात के नेशनल फारेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) को परीक्षण के लिए क्यों नहीं भेजा गया।
एनएफएसयू ने कहा था कि लीक हुए आडियो क्लिप \“\“छेड़छाड़\“\“ किए गए थे। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके द्वारा दायर किए क्लिप एनएफएसयू को नहीं भेजे गए थे।
जब प्रतिवादियों के वकील ने कहा कि वे हलफनामे का जवाब देंगे, तो पीठ ने पूछा, \“\“वास्तव में कितनी सामग्री उपलब्ध है?\“\“ भूषण ने कहा कि कुल आडियो टेप 56 मिनट के थे और याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में 48 मिनट के क्लिप पेश किए। आडियो क्लिप का शेष भाग इसे रिकार्ड करनेवाले व्यक्ति की पहचान करता है।
केवल चयनित क्लिप भेजने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
यदि उसकी पहचान उजागर की तो उसकी जान को खतरा है। पीठ ने पूछा,\“\“जब पूरा टेप उपलब्ध था, तो उन्हें केवल यह सीमित क्लिप क्यों भेजनी चाहिए?\“\“ अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने हलफनामे का जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।
पीठ ने अवलोकन किया कि 48 मिनट के आडियो क्लिप एनएफएसयू को भेजे जाने चाहिए थे। पीठ ने सुनवाई 7 जनवरी के लिए तय की, जबकि भाटी ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है। कुकी आर्गनाइजेशन फार ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (केओएचयूआर) ने याचिका में मामले में एक स्वतंत्र एसआइटी जांच की मांग की है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |
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